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धर्म-अध्यात्म
Jyotish Shastra: ये उपाय चंद्र दोष समेत इन समस्याओं को दूर करता है , जानें इसकी सच्चाई
Kajal Dubey
25 March 2022 1:12 PM GMT
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ज्योतिष शास्त्र,ग्रह नक्षत्र की गणना के आधार पर स्वभाव, व्यवहार और भविष्य बताया जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र, ग्रह, नक्षत्र की गणना के आधार पर स्वभाव, व्यवहार और भविष्य बताया जाता है। ये ग्रह-नक्षत्र हमारे जीवन के हर पहलु पर असर डालते हैं। वहीं फिर चाहे हमारी सेहत हो, रिश्ते हो, आर्थिक स्थिति हो अथवा सफलता हो या सुख-दुख हो। यदि ग्रहों की दशा ठीक ना हो तो व्यक्ति दुख और मुसीबतें उठाता है और यदि ग्रहों की स्थिति अच्छी हो तो वह शानदार और सुखी जीवन जीता है।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा जाता है। इसके अलावा इसका संबंध कई चीजों से भी होता है। यदि कुंडली में चंद्रमा अशुभ हो तो जातक को मानसिक समस्या, डायबिटीज और नींद भी कम लेने में मुश्किल होने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। वह मानसिक तौर पर अशांत रहता है और आसानी से तनाव का शिकार हो जाता है।
चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। ये वृषभ में उच्च का और वृश्चिक राशि में नीच का होता है। इसकी मूल त्रिकोण राशि वृषभ है। वहीं इसके मित्र ग्रह सूर्य और बुध हैं। साथ ही शत्रु ग्रह राहु-केतु और मंगल, गुरु, शुक्र और शनि हैं।
चंद्रमा के अशुभ होने की स्थिति में जातक को शरीर में होने वाले जल संबंधी रोग होते हैं। जैसे मुद्रा से संबंधित रोग, मधुमेह रोग, अनिंद्रा, नेत्र, पीलिया, मानसिक तनाव, स्वांस रोग, मानसिक थकान और फेफड़ों के रोग हो जाते हैं।
यदि चंद्रमा अशुभ हो तो चांदी की अंगुठी में असली मोती धारण करना अच्छा होता है। परन्तु बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के इसे धारण ना करें। इसके अलावा चांदी का चोकोर टुकड़ा अपनी जेब में या पर्स में हमेशा रखने से चंद्रमा बहुत अच्छे फल देता है।
अगर चंद्रमा अशुभ हो तो अपनी मां को ज्यादा से ज्यादा प्रसन्न रखें क्योंकि उनके आशीर्वाद से जीवन में सब ठीक हो जाता है।
शुद्ध जल में कच्चा दूध मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें। हर पूर्णिमा पर चंद्रमा को गाय के दूध से बनी हुई खीर का भोग लगाएं और फिर उसे परिवार समेत बैठकर खाएं।
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