धर्म-अध्यात्म

ज्येष्ठ पूर्णिमा है कल, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Rani Sahu
23 Jun 2021 1:25 PM GMT
ज्येष्ठ पूर्णिमा है कल, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
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हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इस खास दिन पर दान पुण्य और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से आपके सभी पापों का नाश होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2021) 24 जून 2021 को है. इस खास दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु और माता गंगा के साथ चंद्र देव की आराधना की जाती है.

इस बार पूर्णिमा तिथि बृहस्पतिवार को पड़ रही है. इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सिद्धिनायक फल की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस पूर्णिमा के दिन सत्यवान को वट वृक्ष के नीचे जीवनदान मिला था इसलिए इस दिन को वट पूर्णिमा भी कहा जाता है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि आरंभ- 24 जून 2021 को गुरुवार के दिन सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर
ज्येष्ठ पूर्णिमा समाप्त – 25 जून 2021 को अर्द्धरात्रि में 12 बजकर 9 मिनट पर होगा.
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए. कोरोना महामारी की वजह से अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं करना चाहते हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करें. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्थान सात विशेष पूर्णिमा में आता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और व्रत करने का विशेष महत्व होता है. इस दिन विधि- विधान से पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन सूर्य मिथुन राशि में और चंद्रमा वृश्चिक राशि में विशेष योग बन रहा है.
ज्येष्ठ मास की पूजा विधि
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर भगवान विष्णु के पूजा और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान को धूप- दीप, रोली, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं. पूरा दिन व्रत रखने के बाद शाम को भगवान शिव और विष्णु की पूजा अर्चना करें. इसके बाद चंद्रमा की पूजा कर अर्ध्य दें. इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण करें.


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