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धर्म-अध्यात्म
बृहस्पति देव कर्क राशि में होते हैं उच्च, धनु और मीन राशि के स्वामी हैं बृहस्पति देव
Tulsi Rao
1 Feb 2022 10:27 AM GMT
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देवगुरु के अस्त का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 3 राशियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. जानते हैं इन राशियों के बारे में.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी ग्रह के अस्त या राशि परिवर्तन का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना गया है. देवगुरु बृहस्पति 22 फरवरी को अस्त होने वाले हैं. इस स्थिति में ये 23 मार्च 2022 तक रहेंगे. वैसे तो देवगुरु के अस्त का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा, लेकिन 3 राशियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. जानते हैं इन राशियों के बारे में.
मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम
ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को वैवाहिक जीवन, धर्म-कर्म, सौभाग्य, धन-वैभव और संपन्नता का कारक माना गया है. ऐसे में गुरु के अस्त होने से कुछ समय के लिए मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. कहते हैं कि इस दौरान मुंडन, उपनयन, विवाह और नामकरण संस्कार करने की मनाही होती है.
किन राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें?
गुरु अस्त की अवधि में कर्क, धनु और मीन राशि के जातकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऐसे में इस दौरान इन राशियों के लोगों को नए काम की शुरुआत करने से परहेज करना चाहिए. साथ ही आर्थिक निवेश से बचना चाहिए. इसके अलावा किसी भी प्रकार के विवादों के भी दूर रहना चाहिए.
ज्योतिष में क्या है बृहस्पति का महत्व
बृहस्पति देव धनु और मीन राशि के स्वामी हैं. ये कर्क राशि में उच्च और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं. इसके अलावा 27 नक्षत्रों में से पूर्वा भाद्रपद, विशाखा और पुनर्वसु के भी स्वामी होते हैं. बृहस्पति देव की कृपा से ही इंसान सत्य के मार्ग पर चलता है
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