धर्म-अध्यात्म

Jitiya Vrat पूजा का अनुष्ठान, नोट करें संपूर्ण विधि और नियम

Tara Tandi
24 Sep 2024 7:44 AM GMT
Jitiya Vrat पूजा का अनुष्ठान, नोट करें संपूर्ण विधि और नियम
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Jitiya Vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन जितिया व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि माताओं द्वारा किया जाता है इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए जितिया व्रत करती है मान्यता है​ कि इस व्रत को करने से संतान को तरक्की व सुख की प्राप्ति होती है।
जितिया व्रत छठ की तरह ​तीन दिन तक मनाया जाता है इसमें भी नहाए खाए और खुर फिर पारण किया जाता है पंचांग के अनुसार सप्तमी तिथि में नहाए खाएं, खुर, जितिया अष्टमी तिथि में और व्रत का पारण नवमी तिथि पर किया जाता है ऐसे में इस साल जितिया व्रत 25 सितंबर को रखा जाएगा। तो आज हम आपको व्रत पूजा की संपूर्ण विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जितिया व्रत की पूजा विधि—
आपको बता दें कि अष्टमी तिथि पर स्नान आदि से निवृत होकर भगवान ​सूर्य को जल अर्पित करें अब प्रदोष काल में जीमूतवाहन देवता की पूजा करें देवता को रोली, अक्षत, धूप दीपक, लाल और पीली रुई से सजाएं। पेड़े का भोग लगाएं इसके बाद गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्तियां बनाकर लाल सिंदूर लगाएं। इसके बाद दूर्वा की माला, इलायची, पान सुपारी, श्रृंगार का सामान गांठ का धागा, सरसों तेल आदि पूजन में शामिल करें फिर व्रत कथा का पाठ करें।
परिवार की सुख समृद्धि और वंश वृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करें साथ ही बांस के पत्रों से भगवा की पूजा करें। नहाए खाए वाले दिन भी माताएं सात्विक भोजन करें। भोजन में मंडवे की रोटी यानी रागी के आटे से बनी रोटी, नोनी का साग और ढिंगनी की सब्जी को खाया जाता है व्रत का पारण भी सात्विक भोजन से ही करना चाहिए।
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