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धर्म-अध्यात्म
ईसा मसीह प्राण त्यागने के बाद भी पुनर्जीवित हो गए थे क्या थी वह घटना? आइए जानते हैं उसके बारे में
Kajal Dubey
25 Dec 2021 10:19 AM GMT
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आज क्रिसमस 2021 के अवसर पर लोग खुशियां मना रहे हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज 25 दिसंबर को क्रिसमस डे (Christmas Day) मनाया जा रहा है. आज का दिन ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है. रात में ईसा मसीह का जन्म हुआ है. आज क्रिसमस 2021 के अवसर पर लोग खुशियां मना रहे हैं और एक दूसरे को उपहार भी दे रहे हैं. ईसा मसीह ने मानव कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ईसा मसीह ने कई ऐसे चमत्कार किए, जो सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता है. आज भी ईसी मसीह के चमत्कारों में लोगों की आस्था है. ऐसी भी मान्यता है कि जब ईसा मसीह को सूली पर लटकाया गया था, तो अपने प्राण त्यागने के बाद भी वे जीवित हो गए थे. क्या थी वह घटना? आइए जानते हैं उसके बारे में.
ईसा मसीह पुनर्जीवित हो गए
मान्यताओं के अनुसार, ईसी मसीह को 33 वर्ष की उम्र में शुक्रवार के दिन सबके सामने शूली पर लटका दिया गया था. उनको जिस बड़े से क्रूस पर लटकाया गया था, वहां पर उनकी मां और मौसी भी मौजूद थीं. अगले दिन शनिवार को उनके शव को उतारा गया. उनके शव को एक गुफा के अंदर रख दिया गया और उसके द्वार को पत्थर से बंद कर दिया. बाद में उनके शव को दफना दिया गया.
रविवार को एक महिला उनके कब्र के पास गई. उस समय काफी अंधेरा था. लेकिन उसने देखा कि कब्र पर पत्थर नहीं है. वह वहां से लौट आई और ईसा मसीह के कुछ शिष्यों को इसके बारे में बताया. वे सभी प्रभु यीशु के कब्र पर आए. उन्होंने देखा कि वहां सिर्फ कफन ही था. ईसा मसीह नहीं थे. उस महिला के अलावा सभी वहां से चले आए. वह महिला कब्र के पास बैठकर रो रही थी. तभी उसने देखा कब्र में ईसा मसीह के शव वाले स्थान पर दो स्वर्गदूत सफेद लिबास में खड़े हैं. एक सिर वाले हिस्से के पास और दूसरा पैर वाले हिस्से के पास खड़ा था.
उन दोनों स्वर्गदूत ने उस महिला से उसके रोने का कारण पूछा, तो उसने बताया कि वे उसके प्रभु को लेकर चले गए. तभी उसने वहां पर ईसा मसीह को देखा. ईसा मसीह ने उस महिला से कहा कि अब वे अपने परमपिता के पास जा रहे हैं. इसके बाद वह महिला ईसा मसीह के शिष्यों के पास आई और प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने की बात बताई. कुछ शिष्यों ने भी ईसा मसीह के दोबारा जीवित होने और देखने का दावा किया था.
ऐसी भी मान्यता है कि ईसा मसीह दोबारा जीवित होने के बाद एक माह से अधिक समय तक वे धरती पर रहे. फिर एक दिन वे अपने शिष्यों और अन्य लोगों के साथ एक पहाड़ पर गए और वहां से उड़ते हुए आसमान में चले गए.
जिस दिन ईसा मसीह को शूली पर लटकाया गया था, उसे गुड फ्राइडे कहते हैं. जिस दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो उठे, उस दिन को ईस्टर कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ईसा मसीह के दोबारा जीवित होने की घटना इस बात का प्रमाण है कि सत्य कभी मरता नहीं है.
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