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- जया एकादशी व्रत, जानें...

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माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी का व्रत रखा जाता है. शास्त्रों में एकादशी व्रत को सभी व्रतों में कठिन और श्रेष्ठ माना गया है. जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु का समर्पित है. इस व्रत को रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है.
पंचांग के अनुसार 11 फरवरी 2022, शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर एकादशी तिथि प्रारंभ होगा.
जया एकादशी का व्रत कब है?
12 फरवरी 2022, शनिवार को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन आद्रा नक्षत्र और विश्कुंभ योग रहेगा. चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान रहेगा. इस दिन राहु काल प्रात: 9 बजकर 49 मिनट से प्रात: 11 बजकर 12 मिनट तक रहेगा. राहु काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा. अभिजित मुहूर्त को शुभ मुहूर्त माना गया है.
जया एकादशी पूजा विधि (Jaya Ekadashi Pujan Vidhi)
पौराणिक मान्यता के अनुसार एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि सूर्यास्त के बाद से होती है. दशमी तिथि से ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना चाहिए. एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान श्रीहरि विष्णु को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें. इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करने के बाद आमचन करें और स्वंय को पवित्र करें. इसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा पीले पुष्प, पीले फल, पीले मिष्ठान, धूप-दीप, कुमकुम, तांदुल, अगरबत्ती आदि से करें. आखिर में आरती-अर्चना करें.
जया एकादशी व्रत का पारण कब है?
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी की तिथि को किया जाता है. पंचांग के अनुसार जया

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