धर्म-अध्यात्म

Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ जी यात्रा उत्सव शुरू, जानिए कब निकलेगी रथ यात्रा

Deepa Sahu
11 July 2021 3:14 PM GMT
Jagannath Rath Yatra: जगन्नाथ जी यात्रा उत्सव शुरू, जानिए कब निकलेगी रथ यात्रा
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सोमवार से शुरू हो रही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं.

Jagannath Rath Yatra: सोमवार से शुरू हो रही भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 800 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से सोमवार को यह रथ यात्रा निकलेगी. प्रभु जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को पुरी के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होती है. इसमें हिस्सा लेने और दर्शन पाने के लिए हज़ारों की संख्या में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं पूरे देश के कोने-कोने से पुरी पहुंचते हैं. इस साल रथ यात्रा उत्सव 12 जुलाई यानी सोमवार से शुरू हो रहा है. जिसकी बसंत पंचमी से लकड़ी चुनने और अक्षय तृतीय से रथ निर्माण की कवायद पूरी हो चुकी है. रथ यात्रा के लिए द्वितीया तिथि की शुरुआत 11 जुलाई की सुबह 07:47 बजे से 12 जुलाई सुबह 08:19 बजे तक है.

मंदिर से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होकर करीब तीन किमी दूर उनकी मौसी गुंडिचा के मंदिर जाती है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति रथयात्रा में रथ खींचता है, उसे सौ यज्ञ का पुण्य मिलता है. मान्यता है कि यहीं विश्वकर्मा ने जगन्नाथजी, बलभद्रजी और सुभद्राजी की प्रतिमाएं बनाई थीं, इसलिए इसे जगन्नाथ जन्म स्थली भी माना जाता है. यहां तीनों देव सात दिन विश्राम करने के बाद आषाढ़ दसवीं को रथ पर सवार होकर दोबारा मुख्य मंदिर को लौटते हैं, मंदिर के लिए वापसी की यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहा जाता है. इस रथ यात्रा के लिए एक और मान्यता है कि एक दिन जगन्नाथकी बहन सुभद्रा ने द्वारिका दर्शन क लालसा जताई. इसके बाद जगन्नाथजी ने उन्हें रथ पर बिठाकर नगर घुमाया. इस जगन्नाथजी की रथ यात्रा का वर्णन स्कंद पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म पुराण में भी है.
ऐसे मिलता है रथ यात्रा का फल
स्कंद पुराण में वर्णित है कि जो व्यक्ति यात्रा में जगन्नाथ जी का कीर्तन करते गुंडिचा तक जाता है, वह कष्टों से मुक्त हो जाता है. वहीं जो व्यक्ति प्रभु को प्रणाम करते हुए धूल-कीचड़ में लिपटते हुए जाता है, उसे विष्णु धाम मिलता है. जो व्यक्ति गुंडिचा मंडप में रथ पर विराजमान कृष्ण, बलराम और सुभद्रा देवी के दर्शन दक्षिण दिशा को आते हुए करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.


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