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धर्म-अध्यात्म
Jagannath Puri Rath Yatra 2021: पुरी में दूसरी बार कोविड महामारी के कारण बिना भक्तों के निकलेगी रथ यात्रा, कर्फ्यू लागू
Renuka Sahu
12 July 2021 5:35 AM GMT
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फाइल फोटो
ओडिशा के पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने के लिए तैयार है. हर साल आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओडिशा के पुरी में हर साल निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra)शुरू होने के लिए तैयार है. हर साल आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ, अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं. देवशयनी एकादशी (20 जुलाई) तक चलने वाली इस यात्रा में कोविड महामारी के कारण भक्तों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है. यह लगातार दूसरा साल है जब भक्तों के बिना यह रथ यात्रा निकलेगी. आमतौर पर इस यात्रा में हिस्सा लेने के लिए देश के कोने-कोने से भक्त पुरी पहुंचते हैं.
2 दिन का कर्फ्यू
इस साल यात्रा में मंदिर के 3 हजार सेवादार और प्रशासन के लोग ही शामिल होंगे. जिला प्रशासन ने रविवार रात 8 बजे से ही 2 दिन के लिए पुरी शहर में कर्फ्यू लगा दिया है. पवित्र रथ सोमवार की दोपहर 3 किलोमीटर दूर गुण्डीचा मंदिर के लिए निकलेंगे, इसे भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है. अब भगवान यहां 7 दिन तक यहीं विश्राम करेंगे. मान्यता है कि भगवान के गुण्डीचा मंदिर में रहने के दौरान सारे तीर्थ यहां आकर उपस्थित होते हैं.
इस बीच अहमदाबाद में सोमवार सुबह 5 बजे गृहमंत्री अमित शाह ने भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती की. शाह परिवार समेत आरती में शामिल हुए. जगन्नाथ रथयात्रा से पहले मंदिर में शानदार सजावट की गई है. इसके साथ ही वहां भारी सुरक्षा भी तैनात की गई है.
Gujarat: Jagannath Temple all decked up ahead of Rath Yatra in Ahmedabad.
— ANI (@ANI) July 11, 2021
Heavy security has been deployed outside the temple pic.twitter.com/6Psv3KDZku
जवानों के 65 दस्ते तैनात
पुरी की विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा के दौरान तगड़ी सुरक्षा रहेगी. प्रशासन ने जगन्नाथ मंदिर से गुण्डीचा मंदिर के बीच 3 किलोमीटर लंबे ग्रांड रोड पर केवल मेडिकल इमरजेंसी के अलावा अन्य सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है. यह यात्रा निर्बाध रूप से पूरी हो इसके लिए जवानों के कम से कम 65 दस्तों की तैनाती की गई है. प्रत्येक दस्ते में 30 जवान शामिल हैं.
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