धर्म-अध्यात्म

ये 4 राशियों के लोग से बहस में जीत पाना बहुत मुश्किल

Tara Tandi
3 July 2021 12:26 PM GMT
ये 4 राशियों के लोग से बहस में जीत पाना बहुत मुश्किल
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हर व्यक्ति में तमाम गुण और अवगुण होते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर व्यक्ति में तमाम गुण और अवगुण होते हैं. कुछ व्यक्ति स्वयं पैदा करता है और कुछ उसमें जन्मजात होते हैं. जन्मजात गुणों का अंदाजा व्यक्ति की कुंडली और उसके ग्रह नक्षत्र व राशि को देखकर लगाया जा सकता है. ज्योतिष की मानें तो 4 राशि के लोग बहस करने के मामले में बहुत तेज होते हैं और अपनी बात को साबित करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. यहां जानिए उन 4 राशियों के बारे में.

मेष : मेष राशि के लोग मनमौजी होते हैं. ये जो चाहते हैं, वही करते हैं. वैसे तो ये लोग काफी बुद्धिमान होते हैं, लेकिन ​इन्हें अपनी बुद्धिमानी पर इतना घमंड होता है कि ये हर वक्त खुद को ही सही समझते हैं. कोई इनकी बात को अगर बीच में काट दे या इनका विरोध कर दे, तो इन्हें बहुत गुस्सा आता है और ये बहस करने लग जाते हैं.
सिंह : सिंह राशि के लोग स्वतंत्र स्वभाव के होते हैं और इन्हें सब कुछ अपनी मर्जी से करना ही अच्छा लगता है. यदि इन्हें कोई टोके तो इन्हें पसंद नहीं आता और ये बहस करने में जुट जाते हैं. ये एक बार जो धारणा मन में बना लें तो अपने आगे किसी दूसरे की बात नहीं सुनना चाहते. अगर कोई इन्हें समझाने की कोशिश भी करे तो ये बात को अपने ईगो पर ले लेते हैं और झगड़ने लग जाते हैं. इनसे बहसबाजी में जीत पाना हर किसी के बस की बात नहीं.
तुला : तुला राशि के लोग दिल के साफ होते हैं. ये दूसरों के बारे में अच्छा सोचते हैं. लेकिन जब इन्हें गुस्सा आता है तो ये कुछ भी बोल देते हैं. उस समय इनको ये अहसास नहीं होता है कि सामने वाले को इनकी बात बुरी भी लग सकती है. गुस्से के समय पर इनसे कोई कुछ कहे तो ये बहस करने लग जाते हैं और झगड़ने लगते हैं. हालांकि जब इनका गुस्सा शांत होता है तब इन्हें अपनी गलती का अहसास भी हो जाता है.
कुंभ : कुंभ राशि के लोग जीवन में बहुत संघर्ष करते हैं और अपने संघर्ष के बूते पर ही ये काफी कुछ हासिल करते हैं. इस कारण इनके काफी प्रशंसक होते हैं. लेकिन कई बार इनके मन में श्रेष्ठता का भाव आ जाता है. ऐसे में अगर इनकी बात का कोई विरोध करे तो ये चिढ़ जाते हैं और बात को अपने ईगो पर ले लेते हैं. ऐसे में ये लोग दूसरों से बहस करने लगते हैं. गुस्से के दौरान इन्हें कुछ भी समझाना व्य​र्थ होता है. हालांकि गुस्सा शांत होने के बाद ये खुद ही सारी स्थिति का आकलन कर लेते हैं और सही गलत का भेद समझ लेते हैं.


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