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धर्म-अध्यात्म
मंत्र जाप के लिए सही माला का होना है जरूरी, जान लें किस देवता के लिए कौन-सी माला का करें इस्तेमाल
Tulsi Rao
23 Jan 2022 5:37 PM GMT
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ऐसा करने से चमत्कारी फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं किस देवी-देवता के लिए कौन-सी माला का जाप करना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Rules Of Garland: ईश्वर की साधना अराधना के लिए व्यक्ति को मंत्र जाप करने की सलाह दी जाती है. लेकिन कहते हैं कि किसी भी देवता का मंत्र जाप तभी लाभदायी होता है, जब सही माला के साथ सही मंत्रों का उच्चारण किया जाए. बता दें कि हिंदू धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं के लिए विभिन्न प्रकार के बीजों वाली माला का इस्तेमाल किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि देवी-देवताओं के मंत्र जाप के समय देवी-देवताओं से संबंधित जैसे मोती, मूंगा, शंख, हल्दी और वैजयंती, रुद्राक्ष आदि की माला से जाप करना चाहिए. ऐसा करने से चमत्कारी फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं किस देवी-देवता के लिए कौन-सी माला का जाप करना चाहिए.
इन माला से करें मंत्र जाप (Garland For Mantra Jaap)
बिल्व की माला
कुंडली में सूर्य के अशुभ फल देने पर उसकी शुभता के लिए बेल की लकड़ी से बनी माला के माध्यम से मंत्र जाप करना चाहिए. बिल्व से बनी माला से सूर्य मंत्र जप करने से शीघ्र ही फर्क दिखता है और जल्द ही सूर्य देव की कृपा बरसने लगती है. बता दें कि बिल्व की लकड़ी से बनी माला माणिक्य की माला के समान ही शुभ फल प्रदान करती है.
तुलसी की माला
मान्यता है कि भगवान विष्णु की साधना हमेशा तुलसी की माला के साथ ही करनी चाहिए. बता दें कि विष्णु जी को तुलसी बेहद प्रिय है, इसलिए श्री हरि या उनके अवतार भगवान श्री राम या श्री कृण्ण की उपासना तुलसी की माला से की जाए, तो ये अत्यंत शुभ फल दायी होती है.
वैजयन्ती की माला
शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती की माला बेहद प्रिय है. ऐसे में अगर आप श्री कृष्ण की साधना से शीघ्र ही उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो वैजयंती की माला से जप करें. साथ ही, कहते हैं कि वैजयंती की माला शनिदेव की साधना के लिए भी शुभ मानी गई है. ऐसे में शनि दोष दूर करने और शनि देव की कृपा पाने के लिए इस माला से जप करें. बता दें कि इस माला को धारण भी कर सकते हैं.
कमलगट्टे की माला
धन की देवी मां लक्ष्मी के मंत्र जाप में कमलगट्टे की माला का विशेष रूप से प्रयोग करना चाहिए. कारोबार की उन्नति और धन-धान्य की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी जी की पूजा में कमल के बीजों से बनी माला का प्रयोग करें. बता दें कि कमलगट्टे की माला का प्रयोग तंत्र पूजा में भी विशेष रूप से किया जाता है.
रुद्राक्ष की माला
ग्रंथों के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव (Lord Shiva) के आंसुओं से हुई है. ऐसे में शिव पूजा में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है. कहते हैं कि शिव जी को रूद्राक्ष बेहद प्रिय है. मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा दिलाने वाली रुद्राक्ष की माला को धारण करने से व्यक्ति को कोई भय नहीं सताता. इतना ही नहीं, रुद्राक्ष की माला से न सिर्फ भोलेनाथ बल्कि अन्य देवी-देवताओं का मंत्र जाप भी किया जा सकता है.
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