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शनिदेव के उपायों के दौरान ये काम करना है जरूरी वरना नहीं मिलती कष्टों से मुक्ति
शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है. मान्यता है कि व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के अनुसार ही शनि देव उन्हें फल देते हैं. ऐसे में हर कोई शनिदेव के प्रकोप से बचे रहना चाहते हैं. शनिदेव के दुष्प्रभावों से बचने के लिए या उन्हें कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र नें कई उपाय बताए गए हैं.
शनिवार के दिन कुछ विशेष उपाय कर शनिदेव की कुदृष्टि से बचा जा सकता है. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि शनिवार के दिन किए गए उपाय तभी कारगार होते हैं, जब इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए ये उपाय किए जाएं. ज्योतिष के अनुसार अगर इन उपायों को करते हुए इन मंत्रों का उच्चारण नहीं किया जाए, तो शनि के कष्टों से मुक्ति नहीं मिलती.
शनिवार को करें शनिदेव के इन मंत्रों का जाप
शनि महामंत्र
ऊं नीलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनिश्चरम।।
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊं त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्।।
शनि का वैदिक मंत्र
ऊं भगभवाय विद्महैं मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोद्यात्।
ऊं शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभिश्रवन्तु न:।
शनि का तांत्रिक मंत्र
ऊं प्रां प्रीं प्रौं शनिश्चराय नमः।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन शनिदेव के उपाय करते समय इन मंत्रों का जाप विधिपूर्वक अवश्य करें. इन मंत्रों के जाप के साथ किए गए उपायों को करने से शनिदव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है. साधकों के जीवन से शनि के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं. इसके अलावा, शनिवार के दिन शनि देव की व्रत करने चाहिए. शनि संबंधित चीजों का दान करें. गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं.