धर्म-अध्यात्म

सावन में व्रत नहीं रख पाए कोई बात नहीं इन 4 कामों को करने से भी मिलेगा समान पुण्य

Tara Tandi
27 July 2021 8:19 AM GMT
श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक ये चार महीने चातुर्मास कहलाते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक ये चार महीने चातुर्मास कहलाते हैं. ये चारों महीने धार्मिक अनुष्ठान और पूजा पाठ के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं, हालांकि इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है. सावन चातुर्मास का पहला महीना है और ये महीना महादेव की पूजा के लिए समर्पित होता है. 25 जुलाई से सावन शुरू हो चुका है और ये महीना 22 अगस्त तक चलेगा. सावन के दौरान चारों तरफ वातावरण मानो शिवमय हो जाता है. महादेव के भक्त उनकी कृपा पाने के लिए सुबह से मंदिर में इकट्ठे हो जाते हैं और उनका अभिषेक करते हैं.

तमाम भक्त पूरे सावन का व्रत रखकर महादेव की कृपा प्राप्त करते हैं, वहीं कुछ लोग सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो जो लोग सावन के महीने में व्रत करने में किसी कारणवश सक्षम नहीं हैं, तो निराश होने की जरूरत नहीं. वे सावनभर शास्त्र संवत कुछ काम करें तो इससे भी उन्हें शिव की कृपा प्राप्त होगी और व्रत के समान पुण्य प्राप्त होगा.

1. शिव परिवार की पूजा करें

यदि आप सावन के महीने में व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो नियमित रूप से शिव परिवार की पूजा करें. कहा जाता है कि शिवजी के पूरे परिवार की पूजा करने से माता पार्वती और महादेव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे वैवाहिक जीवन के संकट दूर होते हैं और परिवार में खुशियां आती हैं.

2. शिवलिंग का अभिषेक करें

शास्त्रों में शिवलिंग को काफी शक्तिशाली बताया गया है. सावन के महीने में आप हर दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करें. शिव जी को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि वे सिर्फ भक्तों की भावना को देखते हैं और जल चढ़ाने मात्र से भी वो प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों के सारे कष्ट दूर करते हैं.

3. शिवमंत्र का जाप करें

सावन के महीने में जितना ज्यादा संभव हो, शिव जी के मंत्रों का जाप करें. इससे भी महादेव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है. आप शिव जी के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप कर सकते हैं. इसे बहुत श्रेष्ठ मंत्र माना जाता है. ॐ को हटाकर इस मंत्र में पांच अक्षर होते हैं, इसलिए इसे पंचाक्षर मंत्र कहा जाता है. इसके अलावा आप पंचाक्षर स्तोत्र, रुद्राष्टक, लिंगाष्टक या शिव सहस्त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं. मान्यता है कि सावन में शिव मंत्रों के जाप से अभीष्ठ फल की प्राप्ति होती है.

4. भजन और कीर्तन

आप चाहें तो इस महीने में महादेव को समर्पित भजन और कीर्तन भी कर सकते हैं. श्रद्धापूर्वक भजन और कीर्तन करने से महादेव अत्यंत आनंदित होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इसके अलावा शास्त्रों में सावन की अमावस्या पर पितृ तर्पण और पूर्णिमा पर श्रावणी उपाकर्म करने का विधान है. इन सब कार्यों को करके भी आप सावन में महादेव को प्रसन्न कर सकते हैं.

Next Story