धर्म-अध्यात्म

कहीं गले में पड़ी माला तो नहीं बन रही हर मुश्किलों की वजह

Tara Tandi
26 July 2023 12:35 PM GMT
कहीं गले में पड़ी माला तो नहीं बन रही हर मुश्किलों की वजह
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सनातन धर्म में ईश्वर साधना आराधना से जुड़े कई नियम और तरीके बताए गए हैं जिनका पालन व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार करता हैं। हिंदू धर्म में पूजा पाठ के समय मंत्र जाप में माला का अधिक प्रयोग होता हैं। जातक अपने आराध्य देवी देवता के मंत्रों का जाप माला के दानों को घुमाते हुए करते हैं माना जाता हैं कि ऐसा करने से भगवान जल्दी प्रसन्न होकर कृपा करते हैं साथ ही ईश्वर कृपा प्राप्ति के लिए अधिकतर लोग माले को गले या फिर हाथ में धारण कर लेते हैं।
लेकिन किसी भी माला को धारण करने से पहले उसके नियमों की जानकारी होना बेहद जरूरी हैं क्योंकि बिना नियमों के जानें अगर माला को धारण किया जाए तो इसके शुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और जातक पर नकारात्मक असर देखने को मिलता हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा माला धारण करने से जुडे नियमों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
माला धारण करने से जुड़े जरूरी नियम—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी देवताओं की पूजा के समय माला का चयन उचित तरीके से करना चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा के दौरान हमेशा ही पीले चंदन या फिर तुलसी की माला का इस्तेमाल करना चाहिए इसे शुभ माना जाता हैं तो वही शिव और देवी पूजा के लिए आप रुद्राक्ष से बनी माला का प्रयोग कर सकते हैं।
ज्योतिष अनुसार ईश्वर की साधना और गले में धारण करने वाली माला दोनों ही अलग अलग होनी चाहिए। भूलकर भी गले में धारण की जाने वाली माला से देवी देवताओं के मंत्रों का जाप या पूजन नहीं करना चाहिए इसे अच्छा नहीं माना जाता हैं इसके साथ ही अगर आप कोई माला अपने गले या हाथों में पहनना चाहते हैं तो हमेशा ही योग्य ज्योतिषीय की सलाह से ही इसे धारण करना उचित होता हैं माना जाता हैं कि ऐसा करने से शुभ फल मिलता हैं।
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