धर्म-अध्यात्म

क्या तुलसी और शमी के पौधे को एक साथ रखना ठीक है, जानें ज्योतिष की राय

SANTOSI TANDI
29 Sep 2023 9:30 AM GMT
क्या तुलसी और शमी के पौधे को एक साथ रखना ठीक है, जानें ज्योतिष की राय
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ज्योतिष में कई ऐसे नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने से आपके जीवन में समृद्धि बनी रहती है। वहीं ज्योतिष में कुछ ऐसे पौधों के बारे में बताया जाता है जिनके पूजन से कई लाभ मिलते हैं और घर की सुख -समृद्धि बनी रहती है।
इन विशेष रूप से पूजनीय पौधों में से एक पौधा है तुलसी का और दूसरा शमी का। ऐसा कहा जाता है कि शमी के पौधे को घर में लगाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है।
वहीं तुलसी के पौधे में साक्षात माता लक्ष्मी का वास होता है जिसके पूजन से आपके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इन पौधों को सही जगह और स्थान पर ही रखना चाहिए।
इन दोनों ही पौधों को घर में रखना शुभ है, लेकिन क्या तुलसी और शमी के पौधे को एक साथ रखना ठीक है? इस बात के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया से बात की। आइए इसके बारे में यहां विस्तार से जानें।
ज्योतिष में तुलसी के पौधे का महत्व
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र पौधों में से एक माना जाता है। इसे धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। तुलसी का पौधा न सिर्फ अपने धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्द है।
इस पौधे को घर के ईशान कोण या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है और इससे घर में समृद्धि आती है। यदि आप इसे घर के मंदिर या उसके आस-पास के स्थानों में रखती हैं तो इसका महत्व कई गुना तक बढ़ जाता है और इसका पूजन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
ज्योतिषीय के अनुसार तुलसी का संबंध बुध ग्रह से होता है, जो संचार, बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। तुलसी को अपने घर में रखने से आपकी मानसिक स्थिति अच्छी बनी रहती है और यह अच्छे स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है। घर की खुशहाली के लिए तुलसी का पौधा सही स्थान पर लगाने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिष में शमी के पौधे का महत्व
शमी का पौधा भी एक पूजनीय पौधा माना जाता है और मान्यता है कि इसमें साक्षात शनिदेव का वास होता है। यदि आप शनिवार के दिन इस पौधे की पूजा करते हैं या इस पौधे के सामने दीपक प्रज्वलित करते हैं तो घर की समृद्धि बनी रहती है। मुख्य रूप से दशहरा के दिन इसका पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है और इससे आर्थिक स्थिति ठीक होती है।
ज्योतिष में इसका संबंध ब्रह्मा, विष्णु और शिव से है। इसके भीतर त्रिदेव का वास होता है और यदि आप इस एक पौधे की पूजा विधि-विधान से करती हैं तो आपको तीनों देवों की पूजा के बराबर फल मिलता है। शमी का पौधा किसी भी परिस्थिति और वातावरण में खुद को ढाल लेता है, इसलिए इसे लचीलेपन और ताकत का प्रतीक माना जाता है।
शमी वृक्ष शनि ग्रह से जुड़ा है जो अनुशासन, कड़ी मेहनत और दृढ़ता को नियंत्रित करता है। ऐसा माना जाता है कि शमी का पेड़ लगाने से स्थिरता, सहनशक्ति और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।
क्या तुलसी और शमी के पौधे को एक साथ रखना ठीक है
यदि हम तुलसी और शमी के पौधे को एक साथ रखने की बात करते हैं तो दोनों ही पूजनीय पौधे माने जाते हैं और इनकी पूजा से विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष के अनुसार, तुलसी और शमी को एक साथ लगाना शुभ माना जा सकता है और इससे कई लाभ मिलते हैं। तुलसी बुध से संबंधित है और शमी शनि से संबंधित है। दोनों ही पौधों को एक साथ रखने से आपके घर के वातावरण में ऊर्जा का संतुलन बनता है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
चूंकि शमी (शमी के पत्तों के उपाय) को अपने सुरक्षात्मक गुणों के लिए जाना जाता है और इसे तुलसी के साथ लगाने से आपके घर के चारों ओर सुरक्षा कवच बढ़ सकता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में शांति को आकर्षित करता है।
तुलसी का उपयोग आध्यात्मिक चीजों से जोड़ा जाता है और कुछ प्रमुख अवसरों पर इसकी पूजा का विधान है, वहीं शमी को देवों से जोड़ा जाता है। इन्हें एक साथ रखने से घर में उत्साहित माहौल बन सकता है जो परिवार के लोगों के विकास और आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है।
ऐसा माना जाता है कि ये पौधे सकारात्मक तरंगें छोड़ते हैं जिससे आस-पास के वातावरण में तनाव, चिंता और नकारात्मकता को कम करने में मदद मिलती है।
तुलसी और शमी के पौधे को एक साथ रखने के नियम
यदि आप दोनों पौधों को एक साथ रख रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसके लिए सही स्थान चुनना जरूरी होता है और इनकी नियमित पूजा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष में इन पौधों को एक साथ रखना शुभ माना जाता है, लेकिन इन्हें आप एक ही गमले में न लगाएं बल्कि दोनों पौधों को अलग गमलों में रखें। लिए तुलसी और शमी दोनों को नियम से जल चढ़ाएं, लेकिन तुलसी को रविवार और एकादशी के दिन स्पर्श न करें और जा ही इन दिनों में इसमें जल चढ़ाएं।
इन पौधों की नियमित पूजा करें और संभव हो तो तुलसी के सामने प्रतिदिन और शमी के सामने मुख रूप से शनिवार के दिन दीपक प्रज्वलित करें।
यदि आप शमी और तुलसी के पौधे को एक साथ रखते हैं तो यहां बताई बातों को ध्यान में रखें जिससे घर की सुख समृद्धि बनी रहे और ये समृद्धि को आकर्षित करें।
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