धर्म-अध्यात्म

कल इस विधि से करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहर्त

Apurva Srivastav
8 April 2024 5:12 AM GMT
कल इस विधि से करें कलश स्थापना, जानें शुभ मुहर्त
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नई दिल्ली : हिंदू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही पवित्र माना जाता है. साल भर में दो नवरात्रि पड़ती हैं जिन्हें धूम-धाम से मनाया जाता है. नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना या घटस्थापना (Ghatasthapana 2024) की जाती है. मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व है. इस बार 8 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट पर लगेगी और अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात के समय 8 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा. नवरात्र में कैसे और कब करें घटस्थापना. इस बात को लेकर चिंतित हैं तो परेशान न हो यहां जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त व संपूर्ण विधि के साथ भोग-
कलश स्थापना के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. माता को लाल रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं. मां शैलपुत्री के लिए जो भोग बनाया जाता है वो गाय के घी और दूध से बना होता है. आप माता को भोग में गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगा सकते है. खीर बनाने के लिए आपको गाय का दूध, चीनी, इलायची, साबूदाना, या मखाना आदि से आसानी से खीर तैयार कर सकते हैं.
घटस्थापना शुभ मुहूर्त 2024
सुबह 05:52 बजे से 10:04 बजे तक है.
11:45 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट तक.
कलश स्थापना विधि-
वनरात्रि के पहले दिन कलश यानि घटस्थापना का प्रवधान है. कलश की स्थापना मंदिर के उत्तर-पूर्व दिशा में करनी चाहिए और मां की चौकी लगा कर कलश को स्थापित करना चाहिए. सबसे पहले जिस जगह पर कलश रखना है वहां गंगाजल छिड़क कर पवित्र कर लें. फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग से स्वास्तिक बनाकर कलश को स्थापित करें. कलश में आम का पत्ता रखें और इसे जल या गंगाजल भर दें. साथ में एक सुपारी, कुछ सिक्के, दूर्वा, हल्दी की एक गांठ कलश में डालें. कलश के मुख पर एक नारियल लाल वस्त्र से लपेट कर रखें. चावल यानी अक्षत से अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा रखें. इन्हें लाल या गुलाबी चुनरी ओढ़ा दें. कई लोग कलश स्थापना के साथ अखंड दीपक की स्थापना भी करते हैं.
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