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सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इंदौर की रंग पंचमी जानिए महत्व

Teja
22 March 2022 6:13 AM GMT
सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इंदौर की रंग पंचमी जानिए महत्व
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होली (Holi) पर रंगों और गुलाल खेलने का सिलसिला चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि तक चलता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | होली (Holi) पर रंगों और गुलाल खेलने का सिलसिला चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि तक चलता है. पंचमी तिथि को इस पर्व का समापन होता है. इस दिन को रंग पंचमी (Rang Panchami) के नाम से जाना जाता है. रंग पंचमी का पर्व देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग राधा-कृष्ण को अबीर गुलाल अर्पित करते हैं. कुछ जगहों पर इस दिन जुलूस निकालने की भी परंपरा है. रंग पंचमी को देवताओं की होली भी कहा जाता है, इसलिए लोग इस दिन आसमान की ओर गुलाल फेंकते हैं. मान्यता है कि इस गुलाल से देवी देवता प्रसन्न होते हैं और जब वो गुलाल वापस नीचे आकर गिरता है, तो उससे पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता है. हर तरफ सात्विकता फैल जाती है और सकारात्मकता का संचार होता है. इस बार रंग पंचमी का पर्व (Rang Panchami Festival) आज 22 मार्च को मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है. इस मौके पर जानते हैं कि देश के किस हिस्से में इसे कैसे सेलिब्रेट किया जाता है.

सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है इंदौर की रंग पंचमी
देशभर में इंदौर की रंग पंचमी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. यहां होली वाले दिन से कहीं ज्यादा धूम रंग पंचमी के दिन देखने को मिलती है. इस दिन यहां एक जुलूस निकाला जाता है, जिसे गेर कहा जाता है. इस जुलूस में लाखों लोग शामिल होते हैं. कहा जाता है कि ये परंपरा होलकर वंश के समय से ही चली आ रही है. इसका उद्देश्य आपस में मिलजुलकर इस पर्व को मनाना और आपस में भाईचारा बढ़ाना था.
इंदौर में रंग पंचमी का आनंद लेने आते हैं सैलानी
कहा जाता है कि इंदौर में रंग पंचमी के पर्व के लिए लोग सालभर तक बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस पर्व का आनंद उठाने के लिए दूर दूर से सैलानी इंदौर आते हैं. इस दिन यहां पिचकारी, वाटर टैंकर, मिसाइलों से करीब 100 से 200 फीट ऊंचाई तक हजारों किलो गुलाल और रंगों की बौछार होती है, जिससे सारा आसमान रंगों से सराबोर हो जाता है. लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और इस पर्व को मनाते हैं. हर साल लाखों लोग इस पर्व का हिस्सा बनते हैं. रंग पंचमी मनाने के बाद लोग पूड़ी-श्रीखंड का भी मजा लेते हैं.
महाराष्ट्र में भी रंग पंचमी की धूम
महाराष्ट्र और गुजरात में भी इस त्योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इस दिन लोग एक दूसरे पर गुलाल उडा़ते हैं. इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाएं जाते हैं और करीबियों को आमंत्रित किया जाता है. लोग नृत्य, संगीत का आनंद लेते हैं. कुछ जगह पर मटकी फोड़ने के कार्यक्रम का भी आयोजन होता है. मछुआरा समाज में इस दिन को शादी तय करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है.
राजस्थान में रंग पंचमी
राजस्थान में रंग पंचमी के दिन खासतौर पर लाल, नारंगी और फिरोजी रंग हवा में उड़ाया जाता है. जैसलमेर के मंदिर महल में लोक नृत्य कार्यक्रम होते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में धुलेंडी के दिन से शुरू हुआ रंगों का कार्यक्रम रंग पंचमी के दिन समाप्त होता है. ब्रज में राधा और कृष्ण को अबीर लगाकर उनका पूजन किया जाता है.
छत्तीसगढ़ में रंग पंचमी
वैसे तो ब्रज की लट्ठमार होली प्रसिद्ध है, लेकिन जांजगीर से 45 किमी दूर पंतोरा गांव में रंग पंचमी के दिन कुंआरी लड़कियां पुरुषों पर लाठियां बरसाती हैं. सैकड़ों वर्षों से ये परंपरा यहां चली आ रही है. इस दिन सड़क से गुजरने वाले हर पुरुष को इनकी लाठियों की मार झेलनी पड़ती है.


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