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इस तरह करें यम द्वितीया पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा, जानें तिथि और पूजा विधि
नई दिल्ली| हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा विधि-विधान से की जाती है। भगवान चित्रगुप्त मनुष्य द्वारा किए गए पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं। चित्रगुप्त पूजा के दिन भाई दूज पर्व भी मनाया जाता है। चित्रगुप्त पूजा को यम द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान चन्द्रगुप्त की पूजा करने से कारोबार में तरक्की होती है और धन वृद्धि होती है। आइए जानते हैं चित्रगुप्त पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
भगवान चित्रगुप्त की पूजा तिथि (Chitragupta Puja 2022 Date)
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर के दिन दोपहर 02:42 प्रारम्भ हो रहा है और इसका समापन 27 अक्टूबर दोपहर 12:45 बजे हो रहा है। इसलिए भगवान चित्रगुप्त की पूजा 26 अक्टूबर को यानि दीपावली पर्व के दो दिन बाद किया जाएगा। इस दिन भगवान चित्रगुप्त की बहीखतों और कलम के रूप में पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यवसायिक लाभ प्राप्त होता है।
भगवान चित्रगुप्त पूजा विधि (Chitragupta Puja 2022 Puja Vidhi)
मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से उन्नति का आशीर्वाद मिलता है और मृत्यु के बाद नर्क यातनाएं नहीं सहनी पड़ती है। इस दिन पूजा मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 18 से दोपहर 03 बजकर 33 के बीच है। इसलिए पूजा मुहूर्त में कारोबारी नए बहीखातों की पूजा जरूर करें। इसके साथ एक चौकी पर भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर स्थापित करें और उन्हें रोली, अक्षत, फूल, मिठाई, फल अर्पित करें। इसके बाद एक कोरे कागज पर 11 बार 'ॐ चित्रगुप्ताय नमः' मंत्र को लिखें और इसे भगवान के चरणों में रख दें। इसके बाद अज्ञानता के कारण हुई गलतियों के क्षमा मांगे और विद्या, बुद्धि व सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।