धर्म-अध्यात्म

शनि अमावस्या पर इस तरह करें शनि देव को प्रसन्न, होगी सुख-समृद्धि का वाश

Triveni
13 March 2021 5:57 AM GMT
शनि अमावस्या पर इस तरह करें शनि देव को प्रसन्न, होगी सुख-समृद्धि का वाश
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आज साल 2021 के मार्च महीने का दूसरा शनिवार है।

जनता से रिश्ता वेबडेसक | आज साल 2021 के मार्च महीने का दूसरा शनिवार है। वहीं हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। फाल्गुन अमावस्या या शनि अमावस्या है। आज के दिन नदी में स्नान करने के बाद दान पुण्य करने, पितरों की आत्म तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण आदि कर्म किए जाते हैं।

शनिवार होने के कारण यह शनि अमावस्या भी है। जिन लोगों पर शनि की साढेसाती या ढैय्या चल रही है, उनको उसकी पीड़ा से बचने के लिए शनि देव और हनुमान जी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
जब यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है तो इसे शनिवारी अमावस्या / शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। चूंकि यह फाल्गुन महीने की अमावस्या है इस लिए इसे फाल्गुन अमावस्या भी कहते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित जातकों के लिए शनि अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
शनिदेव (Shani Dev) को शास्त्रों में न्याय का देवता कहा गया है। नाराज होने से राजा को रंक बना देते हैं तो खुश होने पर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शनिदेव (Shani Dev) को खुश करना आसान नहीं हैं। लेकिन सच्ची निष्ठा और पवित्र ह्रदय से किए गए काम से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहें हैं जिनसे आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं। शनिदेवके प्रसन्न होने पर आपके जीवन के हर दुख का अंत हो जाएगा।
शनिवार मंत्र (Shaniwar Mantra)
शनि देव का तांत्रिक मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि देव के वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र- ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
शनि देव का गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
शनिवार को शनिदेव को खुश करने के उपाय (Shaniwar Ke Upay)
- शनिवार को तेल से बने पदार्थ भिखारी को खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं
- शाम को अपने घर में गूगुल का धूप जलाएं।
- भिखारियों को काले उड़द का दान करें।
- जल में काले उड़द को प्रवाहित करें।
- शनिवार को सुंदरकांड का पाठ सर्वश्रेष्ठ फल प्रदान करता है।
- चींटियों को गोरज मुहूर्त में तिल चौली डालें।
- शनिवार के दिन उड़द, तिल, तेल, गुड़ का लड्डू बना लें और जहां हल न चला हो वहां गाड़ दें।
- शनिवार की रात में रक्त चन्दन से 'ऊं ह्वीं को भोजपत्र पर लिख कर नित्य पूजा करने से अपार विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है।
- शनिवार को काले कुत्ते, काली गाय को रोटी और काली चिड़िया को दाने डालने से जीवन की रूकावटें दूर होती हैं।


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