धर्म-अध्यात्म

महानवमी यूपी के इन मंदिरों में परिवार संग करें मां के दर्शन, बनी रहेगी कृपा

Shiddhant Shriwas
14 Oct 2021 3:12 AM GMT
महानवमी यूपी के इन मंदिरों में परिवार संग करें मां के दर्शन, बनी रहेगी कृपा
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वैसे तो लोगों की सभी भगवानों के प्रति आस्था है, लेकिन नवरात्रि में मा दुर्गा के अनके रूपों की पूजा लोग करते हैं। कोई मंदिर जाता है,

वैसे तो लोगों की सभी भगवानों के प्रति आस्था है, लेकिन नवरात्रि में मा दुर्गा के अनके रूपों की पूजा लोग करते हैं। कोई मंदिर जाता है, कोई अपने घरों में पूजा-अर्चना करता है और मां से आशीर्वाद लेता है। इस साल भी नवरात्रि पर कुछ ऐसा ही देखने को मिला। वहीं, इस साल नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर से हुई और 14 अक्टूबर को महानवमी है। ऐसे में देश भर में इस दिन की अलग ही धूम देखने को मिलती है। घर से लेकर मंदिर तक और कई अन्य जगहों पर मां के पंडाल लगे होते हैं। वहीं, महानवमी के दिन खासतौर पर लोग मंदिर में जाकर मां के दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं। अगर आप भी कहीं मंदिर जाने की सोच रहे हैं, तो हम आपको उत्तर प्रदेश के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां से भक्तों का अट्टू विश्वास जुड़ा है।

शैलपुत्री मंदिर जा सकते हैं

वाराणसी के अलईपुर क्षेत्र में ये शैलपुत्री का मंदिर स्थित है। हर साल काफी संख्या में यहां भक्तों का हुजूम पहुंचता है और मां के दर्शन करके ही लौटता है। यहां की मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मां ललिता देवी मंदिर जा सकते हैं

सीतापुर के मिश्रिख के पास नैमिषधाम में ये ललिता देवी मंदिर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां के इस पावन मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसलिए यहां हर साल दूर-दराज से भक्त पहुंचते हैं।

देवी पाटन मंदिर

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में देवी पाटन मंदिर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां देवी पाटन के दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

तरकुलहा मंदिर जा सकते हैं

गोरखपुर में तरकुलहा मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में जो भी अंग्रेज मां के मंदिर के पास से गुजरता था, क्रांतिकारी बंधू सिंह उसका सिर काटकर देवी मां के चरणों में समर्पित कर देते थे। वहीं, अब महानवमी के दिन यहां भक्त काफी संख्या में पहुंचते हैं।


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