धर्म-अध्यात्म

हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है जाने इसका महत्त्व

Neha Dani
11 July 2023 9:37 AM GMT
हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है जाने इसका महत्त्व
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धर्म अध्यात्म : हिंदू धर्म में किसी भी मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. इस दिन आसमान में चंद्र देवता पूर्ण आकृति लिए होते हैं. सनातन पंरपरा में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण और चंद्र देवता की विधि-विधान से पूजा करने पर व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त होते हैं और उसे जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है. पूर्णिमा का महत्व तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब यह आषाढ़ मास में पड़ती है. आइए आषाढ़ी पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि, उपाय और धार्मिक महत्व को विस्तार से जानते हैं.
आषाढ़ पूर्णिमा का पुण्यफल पाने के लिए इस पावन तिथि पर सूर्योदय से पहले उठें और संभव हो तो गंगा स्नान करें या फिर अपने नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके पश्चात् उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें और उसके बाद भगवान श्री लक्ष्मीनारायण की पंचोपचार विधि से पूजा करें. आषाढ़ी पूर्णिमा की पूजा का शुभ फल पाने के लिए इस दिन भगवान श्री विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें. साथ ही साथ शाम को चंद्र देवता की विधि-विधान से पूजा करें. देवगुरु बृहस्पति की शुभता और आशीर्वाद पाने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा पर तुलसी, हल्दी अथवा पीले चंदन की माला से ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’ मंत्र का अधिक से अधिक जप करें.
आषाढ़ पूर्णिमा पर भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए पीले चंदन की माला से ‘ॐ नमोः नारायणाय नमः’ का जप करें. आषाढ़ पूर्णिमा पर धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:’ आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा में श्रीफल और तुलसी पत्र अवश्य चढ़ाएं. इसी प्रकार धन की देवी माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए इस पावन तिथि पर श्रीयंत्र की पूजा और श्रीसूक्त का पाठ करें. साथ ही साथ आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र आदि का दान और अपने गुरु या फिर गुरु समान व्यक्ति को वस्त्र, उपहार, दक्षिणा आदि देकर सम्मान करें.
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