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ऐसे में नए घर का निर्माण करवाने से पहले वास्तुशास्त्र से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों व नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है
हर कोई अपने घर का सपना देखता है इसके लिए वह कड़ी मेहनत और दिनों रात प्रयास भी करता है जिससे उसका खुद का एक घर हो। लेकिन अगर घर बनवाते वक्त कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए तो घर में वास्तुदोष पैदा हो सकता है जिसके कारण वहां रहने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों, मुसीबतों और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में नए घर का निर्माण करवाने से पहले वास्तुशास्त्र से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों व नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है मान्यता है कि अगर वास्तु नियमों के अनुसार घर का निर्माण कराया जाता है तो इससे वास्तुदोष पैदा नहीं होता है और साथ ही साथ घर परिवार में सकारात्मकता व मां लक्ष्मी का वास बना रहता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा वास्तु अनुसार नए घर को बनवाने से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है।
वास्तु से जुड़े जरूरी नियम—
वास्तुशास्त्र के अनुसार नया घर बनवाते वक्त घर का मुख्य द्वार पूर्व, उत्तर पूर्व या पश्चिम दिशा में ही करवाना चाहिए इसे शुभ माना जाता है मान्यता है कि अगर इस दिशा में मुख्य द्वार होता है तो इससे सौभाग्य और सुख शांति घर में वास करती है इसके अलावा दक्षिण पश्चिम, दक्षिण, उत्तर पश्चिम या फिर दक्षिण पूर्व दिशा में भी प्रवेश द्वार बनवाया जा सकता है ये भी ठीक होता है। घर के मुख्य भागों में आंगन भी शामिल होता है इसे में आप इसे घर की पूर्व या उत्तर दिशा में बनवा सकते है इस दिशा में आंगन के होने से शुभता बनी रहती है वही इसके अलावा आप उत्तर दिशा में मंदिर और दक्षिण पूर्व की दिशा में किचन का निर्माण करवा सकते है
वही घर के मुखिया का बेडरुम हमेशा ही पश्चिम दिशा में बनवाना चाहिए इसके अलावा नए विवाहित जोड़ों का बेडरुम आप उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में भी बनवा सकते है लेकिन भूलकर भी बेडरुम दक्षिण पूर्व दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। घर में बाथरुम को उत्तर पश्चिम या फिर उत्तर कोने में ही बनवाना उचित होता है ड्रांइग रुम हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में ही होना चाहिए इसे शुभ माना जाता है।
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