धर्म-अध्यात्म

केंद्र सरकार की अहम पहल, देश में बनेगा नेशनल कैलेंडर; देश के कोने-कोने में एक जैसी होंगी त्‍योहारों की तारीख

Tulsi Rao
5 April 2022 4:41 AM GMT
केंद्र सरकार की अहम पहल, देश में बनेगा नेशनल कैलेंडर; देश के कोने-कोने में एक जैसी होंगी त्‍योहारों की तारीख
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कैलेंडर (English Calendar) की जगह भारतीय कैलेंडर (Bhartiya Calendar) को मान्‍यता दी जाएगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | देश में एक समान तिथि, त्‍योहारों की तारीख करने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार की पहल पर अब एक नेशनल कैलेंडर (National Calendar) तैयार किया जाएगा और अंग्रेजी कैलेंडर (English Calendar) की जगह भारतीय कैलेंडर (Bhartiya Calendar) को मान्‍यता दी जाएगी.

इसके लिए देशभर के 300 विद्वान 2 दिन तक उज्जैन में मंथन करेंगे. इससे विभिन्न अंचलों में पंचांगों के कारण व्रत-त्योहार, तिथि आदि को लेकर उत्पन्न होने वाले भेद समाप्त हो जाएंगे. इसके अलावा त्‍योहारों की अलग-अलग तारीखों के कारण अलग-अलग राज्‍यों में सरकारी अवकाशों (Government Holidays) की तारीखें भी अलग रहती हैं. जिससे खासी समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है.
स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर पहल
देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार ने भारतीय कैलेंडर को मान्‍यता देने के लिए यह पहल की है. इसके तहत भारतीय राष्ट्रीय दिनदर्शिका (नेशनल कैलेंडर ऑफ इंडिया) को लेकर विक्रम विश्वविद्यालय में 22-23 अप्रैल को 2 दिन देशभर के विद्वानों की राष्ट्रीय संगोष्ठी और पंचांगों की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, केंद्रीय विज्ञान प्रोद्योगिकी विभाग, विज्ञान प्रसार, भारतीय तारा भौतिकी संस्थान, खगोल विज्ञान केंद्र, विज्ञान भारती, धारा, मप्र विज्ञान-प्रोद्योगिकी परिषद, विक्रम विश्वविद्यालय व पाणिनी संस्कृत विवि उज्जैन आदि हिस्‍सा ले रहे हैं.
इससे पहले 1952 में देश में यूनिफार्म कैलेंडर के लिए कैलेंडर रिफॉर्म कमेटी गठित की गई थी. लेकिन बाद में मामला आगे नहीं बढ़ पाया था. हाल ही में केंद्र सरकार ने फिर से इसकी पहल शुरू की है.
इसलिए चुना गया उज्‍जैन को
उज्जैन कालगणना का प्राचीन केंद्र रहा है. बल्कि यहां की कालगणना को ही पूरे विश्व में मान्यता थी. इसके अलावा उज्जैन कर्क रेखा पर स्थित है, जिससे यहां पर समय की गणना सबसे ज्यादा शुद्ध-सटीक होती है. इसी के चलते उज्जैन में राजा जयसिंह ने वेधशाला भी स्थापित की थी.


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