धर्म-अध्यात्म

इस माह के मुख्य व्रत और तिथियां,पौष अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व

Kajal Dubey
21 Dec 2021 2:24 AM GMT
इस माह के मुख्य व्रत और तिथियां,पौष अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व
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हिंदू धर्म में पौष के महीने को बहुत पुण्यदायी महीना माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में पौष (Paush Month 2021) के महीने को बहुत पुण्यदायी महीना माना जाता है.हर माह की पूर्णिमा तिथि (Purnima 2021) के बाद नए माह की शुरुआत होती है. हिंदू कैलेंडर में सभी महीनों के नाम किसी न किसी नक्षत्र पर आ​धारित हैं. माना जाता है कि माह की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी नक्षत्र से जोड़कर उस महीने का नाम रखा गया है. बता दें कि इस महीने को पौष या पूस का महीना भी कहा जाता है. इस महीने में बहुत ज्यादा सर्दी होती है. बता दें कि इस साल 2021 की आखिरी पूर्णिमा यानी मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) 18 दिसंबर को थी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा (Aghan Purnima) भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद हिन्दू कैलेंडर का नया माह यानि पौष का आरंभ होता है.

मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month) की पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2021) के बाद पौष माह (Paush Month 2021) की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन पूर्णिमा तिथि पर 17 जनवरी को होगा. वहीं, 18 जनवरी से माघ माह की शुरुआत होगी. इस माह में सूर्य देव की (Surya Dev Puja) और भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है. नए माह की शुरुआत होते ही, महीने के तिथियों के अनुसार, व्रत और त्योहार भी शुरू हो जाते हैं. पौष माह (Paush Month) में भी कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं. आइए आपको बताते हैं इस माह के (Paush Month 2021 Fast And Festivals) मुख्य व्रत और तिथि.
पौष अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व | Paush Amavasya And Purnima Significance
पौष के महीने का धार्मिक महत्व बढ़ जाने के कारण इस माह की अमावस्या और पूर्णिमा का महत्व काफी अधिक माना जाता है. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए, वहीं इस दौरान पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. वहीं इस माह की अमावस्या को पितृदोष और कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना जाता है.
पौष माह की प्रमुख तिथियां | Paush Month Tithi 2021
20 दिसंबर- पौष माह का आरंभ.
22 दिसंबर- अंगारकी चतुर्थी.
25 दिसंबर- क्रिसमस का त्योहार.
27 दिसंबर- रुक्मणी अष्टमी.
31 दिसंबर- सफला एकादशी.
01 जनवरी- अंग्रेजी नववर्ष प्रारंभ.
02 जनवरी- पौष अमावस्या और नर्मदा पंचकोशी यात्रा का समापन.
06 जनवरी- विनायकी चतुर्थी.
09 जनवरी- गुरु गोविंद जयंती.
12 जनवरी- स्वामी विवेकानंद जयंती.
13 जनवरी- पुत्रदा एकादशी और लोहड़ी.
14 जनवरी- मकर संक्रांति और पोंगल पर्व.
15 जनवरी- शनि प्रदोष और खरमास खत्म.
17 जनवरी- पौष पूर्णिमा.


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