धर्म-अध्यात्म

पितृ पक्ष और पितरों के तर्पण का महत्व

Manish Sahu
8 Sep 2023 12:58 PM GMT
पितृ पक्ष और पितरों के तर्पण का महत्व
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धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृपक्ष की शुरुआत भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से होती है, और अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को समाप्त होता है.पितृ पक्ष पितरों को समर्पित है, इस अवसर पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किए जाते हैं. मान्यता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध या पितरों को तर्पण विधि विधान से देने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृदोष समाप्त हो जाता है. 2023 में पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितम्बर को पूर्णिमा को होगी, और 14 अक्टूबर 2023 को सर्व पितृ अमावस्या समाप्त होगा.पितृपक्ष में पितरों को तर्पण और श्राद्ध विधि विधान से देने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं, ऐसा करने से उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए किया जाता है.
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को पितृपक्ष की शुरुआत होती है, और अश्वनी मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को इसका समापन होता है. सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है और पितृ प्रसन्न होते हैं जिससे पितृ दोष समाप्त हो जाता है. उन्होंने कहा कि पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है, श्राद्ध का अर्थ अपने पूर्वजों को श्रद्धा पूर्वक प्रसन्न करना है.
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