धर्म-अध्यात्म

अर्जित ज्ञान का क्रियान्वयन जीवन के लिए जरूरी-डॉ. पानेरी

Tara Tandi
27 Feb 2024 5:14 AM GMT
अर्जित ज्ञान का क्रियान्वयन जीवन के लिए जरूरी-डॉ. पानेरी
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बांसवाड़ा । गोविन्द गुरू जनजातिय विश्व विद्यालय बांसवाड़ा के हिन्दी के प्रोफेसर एवं लेखक डॉ.नरेन्द्र पानेरी ने कहा है कि अर्जित ज्ञान के क्रियान्वयन जीवन के लिए उपयोगी हो सकता है।
वे सोमवार को जिले के पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लिमथान में नौनिहालो में नैतिक विकास विषय पर आयोजित वार्ता में वार्ताकार के रूप में उपस्थित छात्र-छात्र.ाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने वर्तमान समय में ज्ञान की उपलब्धता की चर्चा करते हुए हुआ कहा कि आधुनिक मोबाइल युग में ज्ञान का भण्डार तो उपलब्ध हो जाता है लेकिन इसे जब तक जीवन में क्रियान्वयन के लिए अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न नहीं की जाती है जबकि उपलब्ध ज्ञान की सार्थकता नहीं हो सकती है।
उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि जीवन में नैतिकता का विकास करने के लिए हमे अपने बुजुुर्गो एवं सम्माननीय जनों से ज्ञान के भण्डार को प्राप्त कर जीवन में उतारना होगा तभी नैतिकता के मार्ग पर हम प्रशस्त हो सकते है। उन्होंने विभिन्न कहानियों एवं उदाहरणों के माध्यम विद्यार्थियों से कहा कि वे पुरातन ज्ञान के भण्डार से साक्षात होने के लिए स्वयं में नैतिकता को जगाए तथा अपने पुर्वजों एवं बुजर्गो का सम्मान करे। हमे जीवनोपयोगी संस्कारों की जानकारी अपने माता-पिता एवं वृद्धजनों से ही मिलती है इसलिए हमे इस प्रकार के ज्ञान के जीवन में उतार कर जीवन को सफल बनाना चाहिए।
पानेरी ने वार्ता में वर्तमान में पर्यावरण के क्षय सें उत्पन्न हो रही विपरीत परिस्थितियों की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन को बचाने के लिए पर्यावरण के प्रति सजग होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण के प्रति जितने सजग होंगे और अधिक से अधिक पेड लगाएंगे उतना ही पर्यावरण क्षय से बच सकेगा और शुद्ध पर्यावरण से जीवन में स्वच्छ एवं सुन्दरता के मार्ग पर आगे अविरल बढावा जा सकेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुकेश ठाकोर ने छात्रों ने जीवन में नैतिकता को विकास को बनाए रखनें के लिए अपने माता-पिता एवं बुजुर्गो, वृद्धजनों का सम्मान करने का आह्वान करते हुए कहा कि ज्ञान की प्राप्प्ति के लिए हमेश विनम्रता का मार्ग ही अख्तियार करना होता है।
कार्यक्रम का संचालन प्रमोद आचार्य एवं आभार प्रदर्शन उप प्राचार्य श्रीमती सारिका वंगानी ने किया।
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