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- आपके बच्चे का पढ़ाई...
हरेक मां-बाप की इच्छा होती है कि उनके बच्चे खूब पढ़-लिखकर जिंदगी में आगे बढ़ें. इसके लिए वे बच्चों को पढ़ाने के लिए भरसक प्रयास करने में लगे रहते हैं. उनमें से कई पैरंट्स के बच्चे पढ़ने में आगे निकल जाते हैं तो कइयों के बच्चे औसत बनकर रह जाते हैं और जैसे-तैसे करके केवल क्लास को पास कर पाते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि कोई बच्चा पढ़ाई में कितना तेज या कमजोर है, इसमें उसका कोई हाथ नहीं होता.
हरेक बच्चे की अलग होती है बौद्धिक क्षमता
दरअसल हरेक बच्चे की बौद्धिक क्षमता अलग-अलग होती है. कोई बच्चा चीजों को तेजी से सीखता है तो कोई उसे सीखने में समय लगा देता है. यह सब उनके बौद्धिक स्तर की वजह से होता है. चिंता की बात तब होती है, जब बौद्धिक स्तर ऊंचा होने के बावजूद उसका पढ़ाई में मन न लग रहा हो. इसकी कई सारी वजहें हो सकती हैं, जिनमें बच्चे के स्टडी रूम (Vastu Tips For Children Study Room) का वास्तु दोष भी शामिल है. इसकी वजह से बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लग पाता और उसमें एकाग्रता की कमी हो जाती है. आज हम इस वास्तु दोष को दूर करने और आपके बच्चे को पढ़ाई में तेज करने के अचूक उपाय बताते हैं.
इस दिशा में रखें स्टडी टेबल का मुख
वास्तु शास्त्र के मुताबिक पढ़ाई के लिए पूर्व और उत्तर दिशा को सबसे अच्छा माना जाता है. इसलिए कोशिश करें कि आप बच्चे के लिए जो स्टडी रूम या स्टडी टेबल बनवाएं, उसका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें.
मां सरस्वती की तस्वीर जरूर रखें
मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता है. उनके सामने होने से पढ़ने की प्रेरणा मिलती है. इसलिए स्टडी टेबल पर पूर्व की ओर देवी सरस्वती की तस्वीर रखना ठीक रहेगा. साथ ही आप स्टडी टेबल पर एक वर्ल्ड ग्लोब भी रख सकते हैं.
टेबल के सामने शीशा न लगवाएं
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि स्टडी टेबल के ठीक सामने शीशा न लगाएं. ऐसा करने से बच्चा पढ़ने के बजाय अपनी साज-सज्जा में लग सकता है, जिससे उसका ध्यान पढ़ाई से भटकता है.
किताबों का ढेर न लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चे की स्टडी टेबल पर कभी भी किताबों का ढेर न लगाएं. ऐसा करने से वे किताबों की भीड़ देखकर डर सकते हैं और उनका मन पढ़ाई से हट सकता है. इसके बजाय आप उन किताबों को बुक शेल्फ में रखवा दें.
स्टडी रूम में न ले जाएं जूते-चप्पल
जिस कमरे में बच्चा पढ़ता हो, वहां पर भूलकर भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए. अगर आप वहां जूते-चप्पल रखते हैं तो उस कमरे में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे बच्चे का मन पढ़ाई से हटने लगता है. इसलिए हमेशा जूते-चप्पल बाहर निकालकर ही स्टडी रूम में प्रवेश करें.