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नौकरी में तरक्की चाहते हैं तो गुरु पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये उपाय
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गुरु पूर्णिमा हिंदू महीने आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन गुरु (शिक्षक या गुरु) की पूजा की जाती है। सामान्य शब्दों में, गुरु वह व्यक्ति है जो हमें ज्ञान के साथ प्रबुद्ध करके अंधकार से प्रकाश में लाता है। यह त्यौहार पूरे देश में पूरे विश्वास और भावनाओं के साथ मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई दिन बुधवार को है। इस पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन वेदव्यास का जन्मदिन मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास सभी 18 पुराणों के रचयिता हैं। वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी महर्षि वेद व्यास को दिया जाता है। यदि आप अपना भाग्योदय करना चाहते हैं तो गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं। आइए जानते हैं भाग्योदय और नौकरी में तरक्की के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन कौन से विशेष उपाय करने चाहिए।
गुरु पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये उपाय
गुरु पूर्णिमा के दिन किसी लक्ष्मीनारायण मंदिर में कटा हुआ नारियल जरूर अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से सभी रुके हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
यदि आपकी कुंडली में गुरुदोष है तो गुरु पूर्णिमा के दिन श्रीविष्णु की श्रद्धापूर्वक आराधना करें। साथ ही जरूरतमंदों को दान जरूर दें।
जिन लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है वे गुरु पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद लोगों को पीला अनाज दान करें।
जिन विद्यार्थियों को पढ़ाई में समस्या आ रही है उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गीता पाठ करना चाहिए। इस उपाय से पढ़ाई में हो रही समस्याएं दूर हो सकती है।
जिन जातकों के वैवाहिक जीवन में परेशानी हो रही है उन्हें गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र को स्थापित कर उसकी विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए।
नौकरी में तरक्की पाने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन पीली मिठाई प्रसाद के रूप में बांटनी चाहिए।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातः जल्दी स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
फिर एक साफ स्थान पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर व्यास पीठ बनाएं।
इसके बाद गुरु व्यास की मूर्ति स्थापित कर उन्हें रोली, चंदन, फूल, फल और प्रसाद अर्पित करें।
इसके बाद गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये' मंत्र का जाप करें.
इसके साथ सूर्य मंत्र का भी जाप करें।
गुरु दक्षिणा के रूप में गुरु को पीले वस्त्र भेंट करें।