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सप्ताह के सातों दिनों को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को नामों से पुकारा जाता है। साल का पहला प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सप्ताह के सातों दिनों को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को नामों से पुकारा जाता है। साल का पहला प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है। अत: यह शनि प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस वर्ष पहला शनि प्रदोष व्रत 15 जनवरी को है। धार्मिक मान्यता है कि शनि प्रदोष करने से नवविवाहित दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है। अतः संतान प्राप्ति की कामना करने वाले विवाहित दंपत्ति को शनि प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए। इस दिन भगवान शिवजी, माता पार्वती और शनि देव की पूजा करने का विधान है। इससे जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इसके लिए सामान्य लोग भी शनि प्रदोष व्रत भी कर सकते हैं। अगर आप भी शनि प्रदोष व्रत के दिन शिवजी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इन उपायों को जरूर करें-
प्रदोष व्रत तिथि
पौष, शुक्ल त्रयोदशी शनिवार 15 जनवरी, 2022 को है। त्रयोदशी तिथि 14 जनवरी को रात्रि में 10 बजकर19 मिनट पर शुरु होकर 16 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी। इस दौरान व्रती भगवान शिव जी एवं माता पार्वती की पूजा-उपासना कर सकते हैं।
-शनिवार के दिन व्रत उपवास रख सकते हैं। इस दिन श्रद्धापूर्वक शिवजी की उपासना करें
-पीपल को शिव का रूप माना जाता है। अत: शनि प्रदोष व्रत के दिन पीपल वृक्ष की पूजा जरूर करें। इसके लिए जल में काले तिल मिलाकर पीपल वृक्ष की जड़ में जल का अर्घ्य दें।
-शनिवार के दिन जल में काले तिल या इत्र मिलाकर शिवलिंग को अर्घ्य दें। इससे भी शिवजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
-शनि प्रदोष व्रत के दिन शिव चालीसा और शिव स्तुति का पाठ करें। साधक मंत्र जाप भी कर सकते हैं।
-शनि प्रदोष व्रत के दिन हनुमान जी की पूजा भी अवश्य करें। हनुमान जी रूद्रावतार हैं। अत: हनुमान जी की पूजा भी शिव जी को समर्पित होता है। इसके लिए शनि प्रदोष व्रत पर हनुमान जी की पूजा-प्रार्थना कर सकते हैं।
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