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हर कोई चाहता है कि उन्हें अच्छे नंबर आए। लेकिन चाहने के बाद भी कई बार आलस या भूल जाने की वजह से पढ़ा हुआ विषय भी समय पर याद नहीं रह जाता और नंबर कम आ जाते हैं। परीक्षा के दिनों में जहां तनाव के कारण बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के लिए परीक्षा में अच्छे अंक लाना भी मजबूरी होती है। बच्चे का भविष्य परीक्षा एवं परिणामों से जुड़ा होता है, जहां माता-पिता बच्चे के बौद्धिक विकास- परिपक्वता के प्रति अपने प्रयासों में कमी नहीं आने देते, वहीं बच्चे के भविष्य के सितारों के प्रति भी सजग रहते हैं। आपकी इसी समस्या का समाधान इन सरल उपायों से हो सकता है। अच्छे अंक पाना चाहते हैं तो जरूर आजमाएं यह टिप्स।
* परीक्षा से 20-25 दिन पहले स्वच्छ होकर, बुधवार के दिन गणपति जी की प्रतिमा का पूजन करके उसके आगे निम्रलिखित मंत्र की दो या पांच माला करें। उपरांत नित्यप्रति एक माला करें। परीक्षा में उत्तीर्ण होने तक नित्य एक माला, प्रश्रपत्र का उत्तर लिखने से पहले 5 बार केवल मंत्र का जाप कर लें। "ॐ एकदंत महाबुद्धि सर्व सौभाग्यदायक:। सर्वसिद्धि करो देवा-गौरीपुत्रो विनायक :।
* एक थाली में केसर में गंगाजल मिलाकर बनी स्याही से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। उस पर नैवेद्य चढ़ाएं। सामने शुद्ध घी का दीपक जला कर रखें। मां सरस्वती की स्तुति करें। इसके बाद थाली में जल मिलाकर गिलास में डालकर पी लें। ऐसा करने से शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण उन्नति होती है।
* जिन बच्चों की स्मरण शक्ति कमजोर हो, उन्हें तुलसी के 11 पत्तों का रस मिश्री के साथ नियमित रूप से दें। आप चाहें तो तुलसी और मिश्री साथ में खिला भी सकते हैं, लेकिन तुलसी के पत्ते अधिक हों इसका ध्यान रखें।
* परीक्षा देने जाते समय यदि छात्र को रास्ते में किसी पेड़ का पत्ता गिरता दिखाई दे, तो उसे जमीन पर गिरने से पहले ही पकड़ कर अपनी जेब या बैग में रख ले, उस दिन की परीक्षा अच्छी होगी।
* सरस्वती यंत्र का जल से अभिषेक कर गंध, पुष्प, फूल, धूप, दीप आदि से उसकी पूजा करके शुक्ल पक्ष में गुरुवार या पूर्णिमा को अपने घर पर स्थापित करें तथा 41 दिन तक ‘¬ ऐं महासरस्वत्यै नमः।’ मंत्र का 21 बार जप करें तथा सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
* परीक्षाओं से पांच दिन पूर्व से बच्चों को मीठा दही नियमित रूप से दें। उसमें समय परिवर्तन करें। यदि एक दिन सुबह 8 बजे दही दिया है तो अगले दिन 9 बजे, उसके अगले दिन 10 बजे, उसके अगले दिन 11 बजे दें। इस क्रिया को दोहराते रहें और प्रतिदिन एक घंटा बढ़ाते रहें। इस क्रिया को दोहराते रहें और प्रतिदिन एक घंटा बढ़ाते रहें।
* अपने अध्ययन कक्ष में मां सरस्वती का छोटा-सा चित्र लगाएं। पढ़ने के लिए बैठने से पूर्व माता के समक्ष कपूर का दीपक जलाएं अथवा तीन अगरबत्ती जलाकर हाथ जोड़ कर माता से प्रार्थना करें। फिर पढ़ाई शुरू करें।
* मन की एकाग्रता हेतु पंचमेश (पांचवें भाव का स्वामी ग्रह) का इत्र परीक्षाओं के दिनों में सूंघें और लगाएं। ग्रहों के इत्र का विवरण नीचे की तालिका में प्रस्तुत है।
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