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- शनिदेव के गुस्से...
शनिदेव : सभी ग्रहों में शनिदेव को बहुत महत्व दिया गया है। शनि ढाई साल में अपनी राशि बदलता है। शनिदेव व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार ही फल देते है। कुंडली में शनि की अनुकूल और प्रतिकूल स्थिति तथा व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का उसके जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि कुंडली में शनि शुभ हो तो व्यक्ति राजा के समान जीवन व्यतीत करता है। शनि की कुदृष्टि राजा को भी शीघ्र ही भिखारी बना देगी। यदि कुंडली में शनि कमजोर हो तो व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि कर्मों के माध्यम से फल देता है, इसलिए अच्छे कर्म करने से शनि के दुष्प्रभाव से काफी राहत मिल सकती है। जी हाँ अगर आप शनिदेव के गुस्से से बचना चाहते है इन बातों का ख्याल रखें।
– महिलाओं का अपमान करने वाले लोगों को शनि सख्त नापसंद करते हैं। खासतौर पर असहाय, वृद्ध, विधवा या जरूरतमंद महिलाओं का अपमान करने वालों को वे कभी नहीं बख्शते।
– बूढ़ों, बच्चों, विकलांगों, मजदूरों, सफाईकर्मियों का कभी भी अपमान या मजाक न करें। ऐसा करने वालों को शनि कठोर दंड भी देते हैं।
– किसी का शोषण करने वाले, दूसरों को धोखा देने वाले, दूसरों का धन हड़पने वाले और लालची लोगों को भी शनि ग्रह नहीं छोड़ते। ऐसे लोग गलत काम करके जल्दी अमीर तो बन जाते हैं, लेकिन गरीब बनने में इन्हें समय नहीं लगता।
– नशा करने वाले, बुरी संगत में रहने वाले और अनैतिक कार्य करने वाले लोगों को भी शनि बहुत कष्ट देते हैं। शनि के प्रकोप से बचने के लिए ऐसा कभी न करें।
– कुत्ते, पक्षियों और बेजुबान लोगों को परेशान करने वालों को भी शनि माफ नहीं करते। ऐसे लोगों को जीवन में कभी न कभी बहुत कष्ट झेलना पड़ता है।