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मकान बनवाने की प्लानिंग है तो नींव खुदाई के समय ध्यान रखें ये बातें

HARRY
17 Feb 2021 9:20 AM GMT
मकान बनवाने की प्लानिंग है तो नींव खुदाई के समय ध्यान रखें ये बातें
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अगर आप भी नए मकान को बनवाने की तैयारी कर रहे हैं, तो मकान का पहला कार्य नींव की खुदाई से ही शुरू होगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क ;-वास्तु के नियम सूर्य की किरणों पर आधारित माने जाते हैं. मान्यता है कि यदि घर को बनवाते समय वास्तु के नियमों का पालन किया जाए तो घर में सकारात्मक माहौल रहता है और तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है. अगर आप भी नए मकान को बनवाने की तैयारी कर रहे हैं, तो मकान का पहला कार्य नींव की खुदाई से ही शुरू होगा.

नींव पर ही आपका पूरा मकान टिका होता है. इसलिए नींव खुदवाने और भरवाने से पहले वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में जरूर रखें ताकि मकान में कोई वास्तु दोष न रहे. मकान की शुरुआत ही शुभता के साथ हो और इसका असर आजीवन आपके मकान में रहे.

इन महीनो में कराएं नींव का काममकान बनवाने की प्लानिंग है तो नींव खुदाई के समय ध्यान रखें ये बातें

हिंदू पंचांग के अनुसार नींव की खुदाई, पूजन आदि काम फाल्गुन, वैशाख, श्रावण, कार्तिक और मार्गशीर्ष माह में आरंभ किए जाने चाहिए. इन्हें बेहद शुभ समय माना जाता है. अगर आप आजकल में मकान का काम शुरू कराने जा रहे हैं तो कुछ दिन और इंतजार कर लीजिए. 28 फरवरी से फाल्गुन का महीना शुरू होने वाला है.

नींव पूजन और भवन निर्माण के समय ध्रुव तारे का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. इसके अलावा ये काम सूर्य की रोशनी में ही कराना चाहिए. शाम को या रात में नहीं कराना चाहिए. मकान की नींव में ईंट, पत्थर और लकड़ी जो भी सामान प्रयोग कर रहे हों, नया होना चाहिए.

दिशा का रखें ख्याल

नींव की खुदाई के समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. शुरुआत ईशान कोण से होनी चाहिए. इसके बाद आग्नेय कोण, फिर वायव्य कोण और नैऋत्य कोण की खुदाई करें. इन दिशाओं के बाद पूर्व, फिर उत्तर, फिर पश्चिम और अखिर में दक्षिण दिशा की खुदाई करें. लेकिन भरवाई कराते समय सबसे पहले नैऋत्य कोण, फिर वायव्य, इसके बाद आग्नेय और ईशानकोण की भराई करवाएं. इसके बाद दक्षिण, पश्चिम, उत्तर और आखिर में पूर्व में नींव की भराई करानी चाहिए.

इन बातों को भी रखें ध्यान

1. नींव खुदाई का काम शुरू कराने से पहले किसी जानकार से शुभ मुहूर्त निकलवा लें और पूजन के बाद खुदाई का काम शुरू कराएं.

2. नींव पूजन के समय दूध, दही और घी का प्रयोग जरूर करें. इन्हें समृद्धि का सूचक माना जाता है.

3. यदि खुदाई के दौरान कोयला, हड्रडी या भूसा वगैरह निकले तो उस भूमि पर किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से अनुष्ठान करवाने के बाद ही नींव की खुदाई का काम शुरू कराएं. वर्ना घर के सदस्यों के अक्सर बीमार बने रहने की आशंका बनी रहती है.

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