धर्म-अध्यात्म

मन में रखेंगे ये 4 भाव, तो कभी नहीं मिलेगा पूजा का फल

Kiran
20 Jun 2023 2:31 PM GMT
मन में रखेंगे ये 4 भाव, तो कभी नहीं मिलेगा पूजा का फल
x
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना जाता हैं, क्योंकि यही एक जरिया है जिससे भगवान से संपर्क किया जा सकता हैं और अपने मन की बात उन तक पहुंचाई जा सकती हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी होता हैं अच्छे मन से पूजा की जाए, अन्यथा उसका फल प्राप्त नहीं होता हैं। नारदपुराण के अनुसार कुछ ऐसी भावनाएं बताई गई हैं, जो मन में हो तो उस पूजा का लाभ नहीं मिलता है। तो आइये जानते हैं उन भावों के बारे में और उनको मन से दूर करने की कोशिश करें।
* लोभ से
कहा जाता है कि भगवान की पूजा-अर्चना निःस्वार्थ भाव से करनी चाहिए। जो मनुष्य किसी भी लालच से या किसी स्वार्थ से भगवान की पूजा-अर्चना करता है, उसे उसका फल कभी नहीं मिलता। बिना किसी लालच के की गई पूजा शुभ फल देने वाली होती है। जो मनुष्य बिना किसी लालच से पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ भगवान की पूजा करता है, उसे बिना मांगे ही सभी सुख मिल मिल जाते हैं।
* दूसरों के कहने पर
कई लोग दूसरों के कहने पर या घर वालों के दबाव में आकर भगवान की पूजा करने लगते है। बिना मन से या दूसरों के कहने पर की गई पूजा निष्फल होती है। ऐसी पूजी का लाभ किसी भी मनुष्य को नहीं मिलता है। इसलिए मनुष्य को सच्चे मन और सच्चे भाव से भगवान की आराधना करनी चाहिए।
* अज्ञान से
भगवान की पूजा करने से पहले पूजन विधि का पूरा ज्ञान होना जरूरी है। मनुष्य को बिना ज्ञान के या अधूरे ज्ञान से भगवान की पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए है। अगर भगवान की पूजा विधि का ज्ञान न होने पर गलत विधि से पूजा या हवन किया जाए तो इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखने पड़ सकते हैं। इसलिए, कभी भी अधूरे ज्ञान या गलत विधि से पूजा नहीं करनी चाहिए।
* भय से
कई लोग किसी न किसी भय से भगवान पूजा-अर्चना करने हैं। ऐसे भाव से की गई पूजा का फल कभी नहीं मिलता है। मनुष्य को भगवान की पूजा शांत और पवित्र मन से करनी चाहिए। शांत मन से की गई पूजा हमेशा सफल होती है। ऐसे करने पर मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Next Story