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गुड़ और मसूर की दाल : अमलनेर में श्री मंगल देव ग्रह मंदिर में मंगलदेव को गुड़ और मसूर की
कुंडली में यदि मंगल प्रथम यानी लग्न भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव या द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह मांगलिक जन्मपत्री कहलाती है। मान्यता के अनुसार मांगलिक का विवाह मांगलिक से ही होता है। यदि आपकी कुंडली में आंशिक या पूर्ण मंगल दोष है तो आपको विवाह के पूर्व 10 उपाय जरूर कर लेना चाहिए ताकि आपका विवाह जल्द हो और आप सुखी वैवाहिक जीवन यापन करें।
1. मंगल ग्रह की शांति कराएं : इसके लिए आपको महाराष्ट्र के जलगांव के पास अमलनेर में स्थित मंगलग्रह मंदिर में श्री भोगयाज्ञ अभिषेक कराना चाहिए। इस प्राचीन मंदिर में उचित शुक्ल पर अभिषेक और हवन होता है।
2. कुंभ विवाह करें: अर्थात किसी घढ़े के साथ विवाह करके उसे फोड़ दिया जाता है। हालांकि इस संबंध में किसी पंडित से चर्चा करेंगे तो वे अच्छे से बता पाएंगे। अमलनेर में इसका भी समाधान हो जाता है।
3. हनुमान चालीसा पढ़े : कम से कम 1001 बार हनुमान चालीसा पढ़कर हनुमानजी को चौला चढ़ाएं। अमलनेर के मंगलदेव के मंदिर में हनुमानजी की बहुत ही जागृत मूर्ति विराजमान हैं यहां पर उनकी पूजा से लाभ मिलता है।
4. गुड़ खाएं और खिलाएं : यदि आपको किसी भी प्रकार की स्वास्थ समस्या नहीं है तो लोगों को गुड़ खिलाएं और खुद भी थोड़ा थोड़ा खाते रहें।
5. गुड़ और मसूर की दाल : अमलनेर में श्री मंगल देव ग्रह मंदिर में मंगलदेव को गुड़ और मसूर की दाल अर्पित करने से भी मंगलदेव प्रसन्न होते हैं।
6. मांस, मदिरा छोड़ दें : यदि आप मांस खाते हैं तो विवाह पूर्व मांस छोड़ने का संकल्प लें। मदिरा का सेवन करना भी छोड़ दें।
7. क्रोध करना छोड़ दें : अपने क्रोध पर काबू करें और चरित्र को उत्तम बनाकर रखें। भाई-बहनों का सम्मान करें।
8. नीम का पेड़ लगाएं : कहीं भी जाकर सुरक्षित स्थान पर एक नीम का पेड़ लगाएं और तब तक उसकी देखरेख करें जब तक कि वह थोड़ा बड़ा नहीं हो जाता। आप चाहे तो बड़ा पेड़ भी लगाकर उसकी कम से कम 43 दिन तक देखरेख करें।
9. सफेद सुरमा लगाएं : लाल किताब के ज्योतिष के अनुसार सफेद सुरमा 43 दिन तक लगाना चाहिए। हलांकि यह कुंडली की जांच करने के बाद ही ऐसा करें।
10. मंगलदेव की पूजा : मंगलवार के दिन अमलनेर के मंगलदेव के मंदिर में मंगलदेव की पूजा और आरती में शामिल होकर श्री मंगलदेव की कृपा प्राप्त करें और वहीं बैठकर उनके मंत्र का जाप करें।
Apurva Srivastav
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