धर्म-अध्यात्म

अगर आप भी छूते हैं किसी बड़ों के पैर, तो जरूर याद रखें ये पांच बड़ी बातें

Gulabi
7 Dec 2021 12:55 PM GMT
अगर आप भी छूते हैं किसी बड़ों के पैर, तो जरूर याद रखें ये पांच बड़ी बातें
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देवी-देवता से भी जुड़ी है परंपरा
सनातन परंपरा में अपनों से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद पाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. माता-पिता, गुरु या फिर किसी वरिष्ठ व्यक्ति के पैर छूने के पीछे आशीर्वाद पाने की कामना निहित है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में लोग मंगल कामना का भाव लिए अपने से बड़ों का चरण स्पर्श करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि किसी के पैर छूने का सही नियम क्या है. किसी गुरु या फिर पूजा के दौरान किसी वरिष्ठ के कैसे पैर छूना चाहिए. आइए पैर छूने का सही नियम और इससे जुड़े लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं.
देवी-देवता से भी जुड़ी है परंपरा
सनातन काल से चली आ रही चरण स्पर्श की परंपरा का जुड़ाव सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि देवी-देवताओं से भी रहा है. अपने आत्मीयजनों के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए न सिर्फ पैर छूने बल्कि चरण को धोने के कई उदाहरण मिलते हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा के न सिर्फ चरण स्पर्श किए बल्कि उसे अपने हाथों से धुलने में जरा भी संकोच नहीं किया.‍
पैर छूने के बड़े लाभ
भले ही आजकल किसी व्यक्ति के पैर छूने के पीछे दूसरों को सम्मान देने की भावना निहित हो लेकिन इस परंपरा के पीछे कई ऐसे कारण हैं, जिनके पीछे मानव मात्र का कल्याण निहित होता है. जिन्हें जानने के बाद आप भी इस परंपरा को अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे. मान्यता है कि अपनो से बड़ों के पैर छूने पर उनकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हमारे भीतर आशीर्वाद के रूप में प्रवाहित होता है, जिसके माध्यम से हमें सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार पैर छूने की परंपरा पालन करने पर नवग्रहों के दोष भी दूर होते हैं.
पैर छूने के नियम
किसी भी व्यक्ति या फिर देवी-देवता के पैर छूने के कई तरीके होते हैं.‍ जैसे झुककर या फिर घुटने के बल बैठकर अथवा किसी को साष्टांग प्रणाम करना है. जब किसी का पैर छूना हो तो अपने दोनों हाथ को क्रास करके बाएं हाथ से बायां पैर और दाएं हाथ से दायां पैर छूना चाहिए. इसी प्रकार साष्टांग प्रणाम में पूरी विनम्रता एवं श्रद्धा के साथ अपना सिर दोनों हाथों के बीच में रखते हुए अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को झुका कर चरण स्पर्श करना चाहिए.‍
किसके छूने चाहिए पैर
पैर छूने परंपरा का संबंध सिर्फ बड़ों से ही नहीं बल्कि छोटों से भी जुड़ी हुई है. आशीर्वाद की कामना लिए बड़ों के साथ तमाम तीज-त्योहार में कन्याओं के पैर छूने का विधान है.
नवग्रहों का दूर होगा दोष
ज्योतिष के अनुसार अपनों से बड़ों के पैर छूने से नवग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं. मान्यता है कि पिता के पैर छूने पर सूर्य, दादी, नानी, मां, चाची, मौसी, ताई, सास आदि के पैर छूने से चंद्र, बड़े भाई के पैर छूने से मंगल, बहन और बुआ के पैर छूने से बुध, गुरुओं, संतों, ब्राह्मणों के पैर छूने से बृहस्पति, बुजुर्गों के पैर छूने से केतु और भाभी के पैर छूने से शुक्र मजबूत होता है.‍
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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