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धर्म-अध्यात्म
पितृ दोष से बनते हुए काम अटक रहे है तो हरियाली अमावस्या पर कर लें ये उपाय, दूर हो जाएगी परेशानी
Renuka Sahu
26 July 2022 1:35 AM GMT
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फाइल फोटो
सनातन धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. इस बार यह महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सनातन धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है. इस बार यह महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा. इस महीने में चारों ओर हरियाली खिली रहती है और प्रकृति से जुड़ा हरेक जीव खुश रहता है. इसी महीने में हरियाली अमावस्या का व्रत भी आता है. जिसमें पेड़ों की पूजा करने के साथ ही नए पौधे भी लगाए जाते हैं. जो लोग पितृ दोष से पीड़ित होते हैं, वे इस दिन कुछ खास उपाय करके इस दोष से मुक्ति भी पा सकते हैं. आइए जानते हैं कि इसके लिए प्रक्रिया क्या है.
कब है हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022 Tithi)
सबसे पहले तो ये जान लें कि इस बार हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) कब है. हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक इस बार हरियाली अमावस्या 27 जुलाई को रात 09:11 से शुरू होकर 28 जुलाई की रात 11:24 तक रहेगी. लेकिन इस त्योहार का असल व्रत 28 जुलाई 2022 यानी गुरुवार को ही होगा.
हरियाली अमावस्या पर करें भोलेनाथ का जाप
अगर आप पितृ दोष से पीड़ित हैं तो यह सावन माह इस दोष से मुक्ति पाने का सर्वश्रेष्ठ समय है. आप इस पूरे महीने भोला महादेव का ध्यान करें और हरियाली अमावस्या पर ॐ नम: शिवाय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करके शिवलिंग पर जल अर्पित करें. इसके साथ ही ध्यान योग करके आप भगवान शिव से पितृ दोष से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करें.
पीपल के पेड़ पर जलाएं घी का दीपक
भगवान शंकर की आराधना के साथ ही आप पीपल के पेड़ पर घी का दीपक जलाकर उसकी परिक्रमा भी करें और साथ ही अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करते हुए पितृ दोष दूर करने की प्रार्थना करें. हो सकें तो इस दिन आप कहीं खुली जगह पर पीपल का पौधा भी लगाएं. मान्यता है कि जैसे-जैसे पीपल का पेड़ बड़ा होता जाता है, वैसे-वैसे पितृ दोष दूर होता चला जाता है.
पितरों के लिए रखें भोजन और पानी
हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक पितृ दोष दूर करने के लिए आप हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) पर एक अन्य उपाय भी कर सकते हैं. इसके तहत करीब सवा मीटर सफेद कपड़े में सूखा नारियल, 250 ग्राम चावल और 11 रुपये बांधकर उस पोटली को 21 बार घुमाना होगा. इसके बाद उस पोटली को ऐसे किसी स्थान पर रखना होगा, जहां किसी की नजर न पड़ती हो. ऐसा करने के बाद फल, इत्र, सफेद रंग की मिठाई और एक गिलास जल पितरों को अर्पित करके अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें. माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और जातक की गलतियों को माफ कर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं.
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