धर्म-अध्यात्म

जन्माष्टमी के दिन पूजन के बाद नहीं किया ये काम तो नहीं बरसेगी श्री कृष्ण की कृपा

Subhi
29 July 2022 1:14 AM GMT
जन्माष्टमी के दिन पूजन के बाद नहीं किया ये काम तो नहीं बरसेगी श्री कृष्ण की कृपा
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भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त, गुरुवार के दिन की पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.

भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त, गुरुवार के दिन की पड़ रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. कहा जा रहा है कि इस बार की जन्माष्टमी बेहद खास है क्योंकि इस बार के दिन जन्माष्टमी पर वृद्धि योग भी पड़ रहा है. इसे काफी शुभ फलदायी माना जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन शुभ मुहूर्त में श्री कृष्ण की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि अगर आप घर पर ही श्री कृष्ण की पूजा कर रहे हैं, तो इसके बाद कुंजबिहारी की आरती अवश्य करें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा. साथ ही, श्री कृष्ण की कृपा भी नहीं प्राप्त होगी. तो आइए पढ़ेत हैं कुंजबिहारी की आरती और इस दिन का शुभ मुहूर्त.

कुंजबिहारी लाल की आरती

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।

श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।

लतन में ठाढ़े बनमाली; भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक,

ललित छवि श्यामा प्यारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की।

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं।

गगन सों सुमन रासि बरसै; बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग;

अतुल रति गोप कुमारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा।

स्मरन ते होत मोह भंगा; बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच;

चरन छवि श्रीबनवारी की॥ श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू।

चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू; हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद।।

टेर सुन दीन भिखारी की॥ श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त 2022

हिंदू पंचाग के अनुसार जन्माष्टमी तिथि 18 अगस्त 2022, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी. बता दें कि अष्टमी तिथि का आरंभ 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से होकर 19 अगस्त रात 10 बजकर 9 मिनट तक होगी.

इस दिन अभिजीत मुहूर्त 18 अगस्त दोपहर 12 बजकर 05 से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. वहीं, शुभ वृद्धि योग 17 अगस्त दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 तक रहेगा.

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