धर्म-अध्यात्म

घर में है पूजा मंदिर तो इन नियमों का रखें ध्यान, नहीं तो होगी नुकसान

Rani Sahu
1 April 2022 9:12 AM GMT
घर में है पूजा मंदिर तो इन नियमों का रखें ध्यान, नहीं तो होगी नुकसान
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अधिकांश घरों में पूजा के लिए पूजा घर या उचित स्थान होता है

नई दिल्ली: अधिकांश घरों में पूजा के लिए पूजा घर या उचित स्थान होता है. पूजा स्थान को घर का देव स्थान माना जाता है. माना जाता है कि इस स्थान से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. ऐसे में घर का पूजा मंदिर या पूजा स्थान वास्तु के नजरिए से सही होना चाहिए. ऐसे में जानते हैं कि पूजा-घर या घर का पूजा स्थल कैसा होना चाहिए.

वास्तु के मुताबिक कैसा होना चहिए पूजा मंदिर
-वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के पूजा मंदिर की दिशा के साथ-साथ खुद की दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. जब भगवान की पूजा करें तो उस वक्त आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. यदि किसी कारण से पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना संभव न हो तो उत्तर की ओर मुख करके भी पूजा की जा सकती है.
-वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पूजा मंदिर बनवाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह बाथरूम या किचन के पास ना हो और ना ही उससे बिल्कुल सटा हो. दरअसल किचन या बाथरूम से सटा हुआ पूजा मंदिर घर में वास्तु दोष उत्पन्न करता है. इसके अलावा बेडरूम में भी पूजा स्थल या मंदिर नहीं होना चाहिए. इसके पारिवारिक जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. पति-पत्नी का आपसी तालमेल बिगड़ने लगता है.
-कई घरों में पूजा मंदिर जमीन पर होता है. वास्तु शास्त्र में इसे सही नहीं माना गया है. वास्तु नियम के मुताबिक पूजा मंदिर की ऊंचाई इतनी होनी चाहिए कि भगवान के पैर आपके हृदय के बाराबर हो.
-पूजा स्थल पर अगर धार्मिक ग्रंथ या पुस्तकें हैं तो उसे ढककर रखना चाहिए. रात को सोने से पूर्व पूजा मंदिर में लाल कपड़े का पर्दा लगाना चाहिए. इसके अलावा पूजा के लिए आसन बिछाकर बैठें और पूजा समाप्त होने के बाद उसे उचित स्थान पर रखें.
-इसके अलावा पूजा घर, पूजा मंदिर या पूजा स्थल से गैर जरूरी चीजें नहीं रखनी चाहिए. कई लोग पूजा स्थल पर मृतक सदस्यों की तस्वीर भी लगाते हैं. जिसे वास्तु शास्त्र में उचित नहीं माना गया है. इसके अलावा पूजा-मंदिर या पूजन स्थल को साफ-सुथरा रखना चाहिए.
Rani Sahu

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