- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- शादी में हो रही है...
धर्म-अध्यात्म
शादी में हो रही है देरी तो सीता नवमी के दिन करें ये उपाय, मिलेगा मनचाहा वर
Apurva Srivastav
14 May 2024 9:01 AM GMT
x
नई दिल्ली : सनातन पंचांग के अनुसार, 16 मई को सीता नवमी है। यह पर हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत जननी मां सीता का प्राकट्य हुआ है। अतः हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मां सीता की पूजा-उपासना की जाती है। इस उपलक्ष्य पर बिहार के मिथिला और नेपाल के जनकपुर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति की आयु लंबी होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सीता नवमी पर शीघ्र विवाह हेतु विशेष उपाय करने का विधान है। अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है, तो सीता नवमी पर विधि-विधान भगवान राम और मां पार्वती की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ये उपाय जरूर करें।
शीघ्र विवाह के उपाय
अगर आपकी (अविवाहित लड़की) शादी में बाधा आ रही है, तो सीता नवमी पर विधि-विधान से भगवान राम और मां सीता की पूजा करें। इस समय मां सीता को सिंदूर अर्पित करें। अब अर्पित सिंदूर को ग्रीवा पर लगाएं। इस समय मां सीता से शीघ्र विवाह की कामना करें। इस उपाय को करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
सीता नवमी पर स्नान-ध्यान के बाद विधिपूर्वक मां सीता और रामजी की पूजा करें। इस समय मां सीता को लाल रंग की चुनरी या लाल वस्त्र अर्पित करें। आप लाल रंग का फूल भी अर्पित कर सकते हैं। इस उपाय से भी विवाह संबंधी परेशानी दूर होती है।
भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से कुंडली में व्याप्त अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अगर आपकी शादी में बाधा मंगल दोष के चलते आ रही है, तो सीता नवमी के दिन विधि-विधान से मां सीता और भगवान राम की पूजा करें। इस समय राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
सनातन शास्त्रों में निहित है कि जगत जननी आदिशक्ति मां सीता की पूजा करने से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अतः सीता नवमी पर मां सीता की पूजा के समय इस मंगलकारी स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। इस स्तोत्र के पाठ विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है।
मंगला गौरी स्तुति
जय जय गिरिराज किसोरी।
जय महेस मुख चंद चकोरी॥
जय गजबदन षडानन माता।
जगत जननि दामिनी दुति गाता॥
देवी पूजि पद कमल तुम्हारे।
सुर नर मुनि सब होहिं सुखारे॥
मोर मनोरथ जानहु नीकें।
बसहु सदा उर पुर सबही के॥
कीन्हेऊं प्रगट न कारन तेहिं।
अस कहि चरन गहे बैदेहीं॥
बिनय प्रेम बस भई भवानी।
खसी माल मुरति मुसुकानि॥
सादर सियं प्रसादु सर धरेऊ।
बोली गौरी हरषु हियं भरेऊ॥
सुनु सिय सत्य असीस हमारी।
पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥
नारद बचन सदा सूचि साचा।
सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो।
करुना निधान सुजान सीलु सनेहु जानत रावरो॥
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हियं हरषीं अली।
तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥
मंत्र जप
ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि ।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥
ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीस्वरि ।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः ।।
Tagsशादीसीता नवमीउपायमनचाहा वरMarriageSita Navamiremediesdesired groomजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Apurva Srivastav
Next Story