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विवाह पंचमी पर कुंवारी कन्या व्रत करेंगी तो मिलेगा आशीर्वाद
ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में त्योहारों की कमी नहीं होती है और सभी का अपना महत्व होता है पंचांग के अनुसार आज यानी 28 नवंबर दिन मंगलवार से मार्गशीर्ष मास का प्रारंभ हो जाता है जो इस महीने में इस साल के नौवें महीने में आता है इनमें विवाह पंचमी भी शामिल है।
पंचांग के अनुसार विवाह पंचमी का पर्व हर साल मार्ग शीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है जो कि भगवान श्रीराम और माता सीता की विवाह तिथि है धार्मिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी पवित्र दिन पर राम सीता का विवाह हुआ था जिससे विवाह मित्र के इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता है पूजा पाठ और व्रत आदि करने से पितृदोष की कामना पूरी होती है तो आज हम आपको अपने इस लेख में विवाह पंचमी की तिथि और उत्सव के बारे में बता रहे हैं।
विवाह पंचमी की तिथि—
इस साल विवाह पंचमी का पर्व 17 दिसंबर दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस पर्व को अयोध्या और नेपाल में विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन राम सीता की पूजा का भव्य आयोजन किया जाता है और लोग पूजा पाठ और अनुष्ठान भी करते हैं।
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 16 दिसंबर 2023 को रात्रि 8 बजे से प्रारंभ हो रही है जो कि 17 दिसंबर को शाम 5 बजे 33 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 17 दिसंबर को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन राम सीता की सालगिरह होगी।
पूजन का शुभ उत्सव सुबह 8 बजे 24 मिनट से दोपहर 12 बजे तक 17 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दो घरों की पूजा का दूसरा भाग 34 मिनट से दूसरे दो दरवाजे 52 मिनट तक का होगा। इसके अलावा शाम का शुभ उत्सव शाम को 5 बजे 27 मिनट से रात 10 बजे तक 34 मिनट तक रहेगा।