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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) का विशेष महत्व माना गया है. साधकों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. आपको बता दें कि जब भी कोई व्रत धारण किया जाता है, तो वह बड़े ही विधि विधान के साथ किया जाता है और वहीं जब उस व्रत का समापन किया जाता है, तो वह भी बड़े ही विधि विधान के साथ किया जाता है. ऐसे में शुरुआत हो या समापन दोनों ही चीजों का अपना विशिष्ट महत्व है. आपको बता दें कि हर व्रत का उद्यापन विधिवत न किया जाए, तो उस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है. इस बार मई महीने में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) 3 मई को पड़ रहा है. इस क्रम में आज हम आपको बताने वाले हैं कि प्रदोष व्रत का उद्यापन कैसे करना चाहिए, ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो.
कैसे करें Pradosh Vrat की पूजा
मान्यतानुसार, साधक को 11 या फिर 16 प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023 Date) रखने चाहिए. आपको बता दें कि प्रदोष व्रत प्रारंभ करने के दौरान संकल्प लिया जाता है कि कितने व्रत आप रखना चाहते हैं और उतने पूरे होने के बाद आपको उद्यापन करना ही होता है. प्रदोष व्रत के उद्यापन करने का सही समय त्रयोदशी तिथि को ही माना जाता है. प्रदोष व्रत का उद्यापन करने के दौरान आपको सफेद फूलों की माला, सफेद मिठाईयां और सफेद चंदन की आवश्यकता होती है. इसके अलावा आपको जल से भरा हुआ कलश, बेलपत्र धतूरा भांग और आरती करने के सामान की भी आवश्यकता पड़ती है.
कैसे करें प्रदोष व्रत का उद्यापन
जब आप के संकल्प लिए हुए सभी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) में पूरे हो जाएं, तो आखिरी प्रदोष व्रत के दिन आप आम प्रदोष व्रत की तरह ही सुबह उठें स्नान करें और संकल्प लें. संकल्प के साथ ये भी कहें कि आज आपका आखिरी प्रदोष व्रत है उद्यापन के बाद अगर आप और रखना चाहें, तो संकल्प में उसका भी जिक्र कर सकते हैं. इसके बाद आपको शाम के समय भगवान शंकर की पूजा करनी होती है और उन्हें मिठाई, गमछा ये सबकुछ चढ़ाना होता है. एक जरूरी बात जब भी पूजा प्रारंभ करें, तो सबसे पहले भगवान गणेश को याद करें और उसके बाद ही अपनी पूजा की शुरुआथ करें.
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Apurva Srivastav
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