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इसका क्या महत्व होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Rambha Teej 2023: सनातन धर्म में रंभा तीज (Rambha Teej) का विशेष महत्व है. उत्तर भारत में कई जगहों पर इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन स्वर्ग की अप्सरा को याद किया जाता है. आइए जानते हैं रंभा तीज (Rambha Teej) के दिन कैसे पूजा अर्चना करनी चाहिए और इसका क्या महत्व होता है.
किस दिन है रम्भा तीज
रंभा तीज (Rambha Teej) का पर्व सनातन धर्म की महिलाओं के लिए विशेष माना गया है. प्रत्येक साल हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रंभा तीज का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष 22 मई 2023 के दिन रम्भा तृतीया का उत्सव मनाया जाएगा. इस दिन अप्सरा रम्भा की पूजा की जाती है. धर्म शास्त्रों में वेद पुराणों में अप्सराओं का वर्णन प्राप्त होता है. देवलोक में अप्सारों का वास होता है.
रंभा तीज का क्या है महत्व
इस दिन विधिपूर्वक पूजा पाठ करने से जीवन में खुशहाली आती है और दांपत्य जीवन भी अच्छा बना रहता है. यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन स्त्रियां रखती हैं. वहीं, कुंआरी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं.
रंभा तीज पूजा विधि
रंभा तीज के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और विशेषतः इस दिन चूड़ियों की पूजा की जाती है. सनातन धर्म के अन्य पर्वों की ही तरह रंभा तीज के दिन भी दान का भी बड़ा महत्व है. मान्यता है कि इस दिन सोलह श्रृंगार की वस्तुओं का दान करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. रिश्तों में कड़वाहट कम होती है और प्रेम बढ़ता है.
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