धर्म-अध्यात्म

आज करवा चौथ पर कैसे करें चंद्र दर्शन, जानिए इसकी नियम और चांद निकलने का समय

Triveni
4 Nov 2020 12:03 PM GMT
आज करवा चौथ पर कैसे करें चंद्र दर्शन, जानिए इसकी नियम और चांद निकलने का समय
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आज अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना वाला व्रत करवा चौथ मनाया जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना वाला व्रत करवा चौथ मनाया जा रहा है। सुहागन महिलाओं ने आज अपने पति के दीर्घ आयु और स्वास्थ्य की कामना से निर्जला व्रत रखा है। आज वे शुभ मुहूर्त में चौथ माता यानी पार्वती जी तथा भगवान शिव की पूजा करेंगी तथा उनसे सफल और सुखद जीवन की आशीर्वाद मांगेंगी। हालांकि करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा भी बहुत महत्वपूर्ण है। करवा चौथ के दिन व्रती महिलाओं को चांद के निकलने का इंतजार रहता है। चांद के निकलने पर उसकी पूजा की जाती है तथा अर्घ्य दिया जाता है। आइए जानते हैं कि करवा चौथ पर चंद्र दर्शन कैसे करें, उसका नियम क्या है तथा आज चंद्रोदय का समय क्या है?

करवा चौथ पूजा मुहूर्त

आज करवा चौथ की पूजा के लिए शाम का मुहूर्त है। आज शाम 05:34 बजे से शाम 06:52 बजे तक करवा चौथ पूजा का मुहूर्त है। इस समय में व्रती सुहागन महिलाएं चौथ माता तथा भगवान शिव की पूजा कर लेंगी।

करवा चौथ पर चांद निकलने का समय

करवा चौथ की पूजा के बाद सबको चांद निकलने का इंतजार होता है। आज करवा चौथ का चांद रात 08 बजकर 12 मिनट पर निकलेगा। चंद्र दर्शन के बाद ही चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा तथा उसकी पूजा होगी। चंद्र का अस्त 05 नवंबर दिन गुरुवार को दिन में 09 बजकर 41 मिनट पर होगा।

चंद्र दर्शन तथा अर्घ्य का नियम:

1. करवा चौथ के दिन व्रती को लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. आज के दिन सफेद और काले रंग के वस्त्रों का प्रयोग निषेध होता है।

3. करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार करें, उसके बाद चौथ पूजा करें और करवा चौथ की कथा सुनें।

4. सेहत से जुड़ी समस्याएं हैं, तो आप व्रत कथा सुनकर जल ग्रहण कर सकती हैं। व्रत में गर्भवती महिलाओं तथा अस्वस्थ लोगों को छूट मिलती है।

5. पूजा में मिट्टी के करवे का प्रयोग करें। अपनी सास को मिठाई, फल, 16 श्रृंगार की वस्तुएं भेंट करें।

6. चंद्र देव के निकलने की सूचना मिलने पर अपने पति देव के साथ छत पर छलनी, जल, मिठाई, पूजा की थाल आदी लेकर जाएं।

7. अब चंद्र दर्शन करें। छलनी में दीपक जलाकर रख लें। छलनी के अंदर से चंद्रमा के दर्शन करें। फिर अपने पति के दर्शन करें।

8. चंद्र देव की पूजा करें तथा जल में दूध मिलकार अर्घ्य दें।

9. चंद्र देव से अपने पति तथा स्वयं के स्वस्थ, सुखद तथा खुशहाल जीवन की कामना करें। चंद्रमी की पूजा से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। मन स्थिर होता है। चंचलता दूर होती है।

10. चंद्रमा की पूजा के बाद पति के पैर छूकर आशीर्वाद लें। फिर उनके हाथों से मिठाई तथा जल ग्रहण करके पारण करें।


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