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रजनीगंधा ट्यूबरोज (Tuberose) का पौधा पूरे भारत में पाया जाता है। मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल से सितम्बर तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जून से सितम्बर माह में फूल निकलते हैं। रजनीगंधा की तीन किस्में होती है। रजनीगंधा के फूलों का उपयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है। इसकी लम्बी डंडियों को सजावट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है।
- पहले इसका पौधा किसी नर्सरी से खरीद लाएं।
- इसके बाद बगीचे में 3-4 सेंटीमीटर का गड्ढा करके मिट्टी में गाड़ दें।
- 6 सेंटीमीटर की गेप के साथ इसके दो-तीन बल्ब्स भी लगा सकते हैं।
- इस पौधे को लगाने के लिए बहुत अच्छे से ड्रेन होने वाली न्यूट्रिशियस मिट्टी चाहिए।
- यदि नॉर्मल गार्डन की मिट्टी है तो आप उसे 60% लें और बाकी 40% में कोकोपीट, कम्पोस्ट और रेत मिलाएं।
- पौधा रोपण के बाद अच्छे से पानी डालें और इसे सेटल होने दें।
- एक बार अच्छे से पानी डालने के बाद आप इसमें एक दो दिन तक पानी न डालें ताकि मिट्टी अच्छे से सेटल हो जाए।
- रजनीगंधा जैसे फूल का पौधा ऐसी जगह पर लगाएं या रखें जहां कम से कम 4-5 घंटे की धूप पड़ती हो।
- रजनीगंधा 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे का तापमान बर्दाश्त नहीं कर सकता
- यदि बहुत ज्यादा बारिश वाली जगह पर रहते हैं तो इसे उगाने का सबसे अच्छा सीजन मार्च-अप्रैल होगा
- यदि आपके क्षेत्र में ज्यादा बारिश नहीं होती है तो जून-जुलाई का माह सही रहेगा।
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Apurva Srivastav
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