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घर के मंदिर में ईश्वर की पूजा हर किसी को करनी चाहिए।
घर के मंदिर में ईश्वर की पूजा हर किसी को करनी चाहिए। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में सुबह-शाम पूजा करने से घर में हमेशा बरकत रहती है। इसलिए घर में हमेशा पूजा के लिए एक अलग मंदिर बनवाया जाता है। घर के मंदिर में प्रतिमा रखने का भी एक विधान है।
मंदिर घर का सबसे पवित्र स्थान होता है। ऐसे में हमें मंदिर और आसपास के स्थानों पर साफ-सफाई रखनी चाहिए और मंदिर में वास्तु नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, मंदिर घर के उत्तर-पूर्व कोण यानी ईशान कोण में होना शुभ होता है।
मंदिर या पूजा घर में भगवान की प्रतिमा रखने को लेकर भी कई बातें बताई गई हैं। पूजा से पहले इन बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है। आज हम जानेंगे कि घर के मंदिर में कैसी प्रतिमा होनी चाहिए? प्रतिमा का आकार कितना होना चाहिए और मंदिर में प्रतिमा कैसे रखनी चाहिए?
1. वास्तु नियमों के अनुसार, घर में भगवान की प्रतिमा इस तरह से रखनी चाहिए कि प्रभु की पीठ कभी भी नजर ना आए। भगवान की पीठ नजर आना गंभीर वास्तु दोष को जन्म देता है। भगवान की पीठ दिखना शुभ नहीं माना जाता है। यदि आपके मंदिर में भगवान की पीठ नजर आ रही है तो आप उसको कपड़े से ढक दें या फिर प्रतिमा को दीवार से लगाकर रखें।
2. पूजा घर में एक ही भगवान के दो प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। इसके साथ ही दोनों प्रतिमाएं आमने-सामने नहीं होना चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
3. घर के मंदिर में अपने पूर्वजों के साथ भगवान की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में वास्तुदोष होता है। पितृ देवता का स्थान घर में अलग रखें।
4. पूजा घर में खंडित प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। खंडित प्रतिमा रखने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और घर पर हमेशा बुरा प्रभाव पड़ता है।
5. अपने पूजा घर में या मंदिर में कभी भी 3 इंच से ऊंची प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अंगूठे के पोर के बराबर की प्रतिमाएं सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं।
6. घर के मंदिर में देवी या देवता की ऐसी प्रतिमान नहीं रखनी चाहिए जो क्रोधित रूप में हो। घर के मंदिर में हमेशा आशीर्वाद की मुद्रा में या शौम्य मुद्रा में प्रतिमा होनी चाहिए।
7. घर में भले ही एक भगवान की एक से अधिक प्रतिमा रखें लेकिन पूजा हमेशा एक ही प्रतिमा की करनी चाहिए।
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Apurva Srivastav
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