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धर्म-अध्यात्म
चैत्र नवरात्रि में किस तरह करें कलश की स्थापना
Apurva Srivastav
21 March 2023 1:32 PM GMT
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कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा पर चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है.
कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा पर चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहा है. इस दिन से हिंदू नववर्ष शुरू हो रहा है और विक्रम संवत 2080 भी लग रहा है. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की 9 दिनों तक पूजा होती है. प्रथम शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कुष्मांणा, पांचवी स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी और नौंवी सिद्धादात्रि हैं. इन नौ देवियों की नौ दिनों तक पूजा की जाती है. पहले दिन कलश स्थापना होती है, चलिए आपको इसकी पूजा विधि, समय और तारीख बताते हैं.
चैत्र नवरात्रि में कैसे करें कलश स्थापना
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 दिन बुधवार सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और 7 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसी समय के बीच कलश स्थापना करना अति उत्तम होगा. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दौरान उनकी प्रतिमा पर नए वस्त्र पहनाते हैं और भोग लगाते हैं. कलश स्थापना करने के बाद हवन करते हैं और व्रत रखते हैं. जिन्हें नौ दिन व्रत रखना होता है वो रखते हैं वरना चढ़ती-उतरती भी व्रत रखा जाता है. नवरात्रि में मिट्टी के बर्तन के ऊपर तांबे का कलश रखते हैं जिसे ढकते हैं और उसपर चावल रखकर उसके ऊपर दीया जलाते हैं. बहुत से लोग ऐसे दीये जलाते हैं जो अखंड होता है और 24 घंटे पूरे 9 दिनों तक जलाते हैं. नवरात्रि पर मां दुर्गा की उपासना करने वालों की हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
नवरात्रि के साथ नये साल की भी होती है शुरुआत
हिंदू धर्म में विक्रम संवत के कैलेंडर को माना जाता है जिसमें तिथियों को महत्वता दी गई है.चैत्र नवरात्रि का इंतजार हर किसी को है और ये 22 मार्च से शुरू हो रहा है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है जो राम नवमी तक चलती है. 30 मार्च को राम नवमी का पर्व देशभर में मनाया जाएगा. नवरात्रि मे 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है.
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Apurva Srivastav
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