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धर्म-अध्यात्म
जापान के अनोखे तलाक मंदिर के बारे में कितना जानते हैं आप
Manish Sahu
18 Sep 2023 10:19 AM GMT
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धर्म अध्यात्म: शादीशुदा जिंदगी में तलाक का अनुभव सबसे ज्यादा दर्द भरा अनुभव होता है। कोई भी कपल यह नहीं चाहता है कि उनका तलाक है। लेकिन कई बार कपल्स के बीच दूरियां इतनी ज्यादा बढ़ जाती हैं कि वह डिवोर्स के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मामले में जापान काफी ज्यादा अलग है। यहां पर तलाक की बात करने पर उन्हें डिवोर्स मंदिर की याद आती है। सुनने में यह आपको भले ही अजीब लगे, लेकिन आपको बता दें कि जापान में डिवोर्स मंदिर हैं।
जापान का यह मंदिर अपने आप में काफी ज्यादा अलग है। इस मंदिर को उस दौरान बनाया गया था, जब महिलाओं के पास डिवोर्स लेने का अधिकार नहीं था। उस समय अपने रिश्ते से परेशान महिलाओं के लिए यह मंदिर एक दूसरे घर के समान था। लेकिन इस मंदिर की महत्ता आज भी कम नहीं हुआ है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको जापान के इस अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।
600 साल पुराना है मंदिर
बताया जाता है कि जापान का डिवोर्स मंदिर करीब 600 साल पुराना है। इस मंदिर का नाम वास्तविक नाम मतसुगाओका टोकेई जी है। लेकिन जापान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोग इसे डिवोर्स मंदिर कहकर पुकारते हैं। यह मंदिर जापान के कनागवा प्रांत में कामाकुर शहर में स्थित है।
पीड़ित महिलाओं के दूसरा घर
बता दें कि डिवोर्स मंदिर वास्तव में एक बौद्ध मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना बौद्ध नन काकुसन शिदो-नी द्वारा की गई थी। इस मंदिर का निर्माण 1285 में करवाया गया था। यह वह दौर था, जब जापान की महिलाओं के पास डिवोर्स का अधिकार नहीं होता था। सिर्फ पुरुष ही महिला को तलाक दे सकता था। ऐसे में महिलाओं के पास प्रताड़ना सहने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं होता था। लेकिन इस मंदिर के निर्माण के साथ ही महिलाएं अपने समस्याएं लेकर इस मंदिर में आने लगीं। एक तरह से देखा जाए तो यह मंदिर प्रताड़ित महिलाओं के लिए किसी दूसरे घर से कम नहीं था।
महिलाओं की बदलती स्थिति
इस मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि ना सिर्फ महिलाओं को रहने के लिए आश्रय मिला, बल्कि उनकी स्थिति में भी बदलाव आया। समय के साथ ही इस मंदिर को एक संस्था के रूप में भी देखा जाने लगा। इसकी मदद से महिलाएं ऑफिशियल तरीके से अपने पति से अलग हो सकती थीं। बता दें कि डिवोर्स टेंपल महिलाओं को तलाक का सर्टिफिकेट देता था और इस सर्टिफिकेट को सूफुकु-जी के नाम से जाना जाता था। साल 1873 में जब जापान में तलाक कानून लागू हुआ। तो इस मंदिर ने महिलाओं को तलाक देना बंद कर दिया। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस मंदिर का महिलाओं को बेहतर जीवन देने में विशेष योगदान रहा।
बेहद खूबसूरत है यह मंदिर
जापान का यह मंदिर जितना खास है उतना ही ज्यादा खूबसूरत भी है। डिवोर्स टेंपल में एक मेन हॉल है, जो आगंतुकों के लिए हमेशा खुला रहता है। इस मंदिर की वास्तुकल भी बेहद खूबसूरत है। मंदिर के चारों ओर खूबसूरत बगीचे हैं। हालांकि साल 1923 में ग्रेट कांटो भूकंप की वजह से इस मंदिर को काफी क्षति पहुंची थी। लेकिन बाद में फिर से मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। इस दौरान 10 साल का समय लगा था।
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Manish Sahu
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