- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- वृंदावन में मनाई जाती...
धर्म-अध्यात्म
वृंदावन में मनाई जाती है कितने तरह की होली जाने
Apurva Srivastav
28 Feb 2023 6:14 PM GMT
x
देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन कान्हा की नगरी ब्रज की होली अपने ही
सनातन धर्म में होली के पर्व का अधिक महत्व है. फाल्गुन माह में पूर्णिमा को देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन मथुरा में होली के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. कान्हा की नगरी में होली का उल्लास भी शुरू हो गया है. देश में होली कई तरह से मनाई जाती है. गुलाल और रंग के अलावा फूलों और लठ्ठ से होली खेली जाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वृंदावन में होली का त्योहार 40 दिनों तक चलता है. वृंदावन की होली का अपना विशेष ही महत्व है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वृन्दावन में होली कितने तरह से मनाई जाती है.
वृंदावन में होली इतने प्रकार से मनाई जाती है (Types of Holi in Vrindavan)
1. रंगों की होली- देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. लेकिन कान्हा की नगरी ब्रज की होली अपने ही आप में पूरे विश्व को समेटे हुए है. यहां पर होली से एक महीने पहले इस पर्व की शुरुआत होती है. राधा रानी और कृष्ण की लीलाओं का आनंद लिया जाता है. इस खास अवसर पर ब्रजवासियों में एक अलग तरह का उत्साह देखने को मिलता है.
2. लड्डू मार होली- वृन्दावन में रंगों के अलावा लड्डुओं की भी होली खेली जाती है. फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बरसाने के श्रीजी मंदिर में लड्डुओं की होली खेली जाती है. ऐसा कहा जाता है कि श्रीजी लाड़ली मंदिर में लड्डू मार होली की शुरुआत द्वापर युग से हुई थी.
3. लठमार होली- बरसाना की लठमार होली का अपना एक अलग उत्साह है. बरसाना की लठमार होली में शामिल होने के लिए देश समेत विदेश से भी लोग पहुंचते है. इस उत्सव को देखने के लिए आए सैलानी मस्ती का आनंद लेते हैं और यहां की खूबसूरत तस्वीर अपने कैमरे में कैद करते हैं. लठमार होली राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक मानी जाती है.
4. फूलों की होली- रमणरेती में राधा रानी और कृष्ण के भक्त फूलों की होली खेलते हैं. मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने होली खेलना यही से आरंभ किया था. इसी वजह से ब्रज में होली की शुरुआत रमणरेती में फूलों की होली के साथ होती है. यहां राधा रानी और कृष्ण को फूलों से ढक दिया जाता है.
5. दुल्हंडी होली- राजस्थान और हरियाणा समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बरसाने की लठमार होली खेली जाती है. इसको दुल्हंडी कहा जाता है. इस होली में अंतर यह है कि यहां देवर-भाभी एक दूसरे को रंगने की कोशिश करते हैं और बदले में भाभी देवर के दुपट्टे से बनाए गए कोड़े से पीटती हैं.
Tagsवास्तु दोषवास्तु दोष के उपायवास्तु दोष निवारण के उपायवास्तु शास्त्रवास्तु शास्त्र का ज्ञानवास्तु के नियमवास्तु टिप्सकुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियमसनातन धर्महिंदू धर्मभारतीय ज्योतिष शास्त्रज्योतिष शास्त्रVastu DoshaVastu Dosha RemediesVastu ShastraKnowledge of Vastu ShastraRules of VastuVastu TipsSome Important Vastu RulesSanatan DharmaHinduismIndian AstrologyJyotish Shastraजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़न्यूज़ वेबडेस्कआज की बड़ी खबरRelationship with publicrelationship with public newslatest newsnews webdesktoday's big news
Apurva Srivastav
Next Story