धर्म-अध्यात्म

कितनी बार करना चाहिए हनुमान चालीसा का पाठ

HARRY
28 April 2023 6:54 PM GMT
कितनी बार करना चाहिए हनुमान चालीसा का पाठ
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सही समय और विधि

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन सच्चे मन से की गई बजरंगबली की पूजा-आराधना से व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है और मुक्ति मिलती है. कहते हैं कि अंजनीपुत्र हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ बेहद ही सरल और आसान उपाय है.

मान्यता है कि जीवन में आ रही समस्याओं से तुरंत निजात तो मिलती ही है. साथ ही, बजरंगबली प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. व्यक्ति को रोगों और मुसीबतों से छुटकारा मिलता है. लेकिन इसका पूर्ण लाभ तभी प्राप्त होता है, जब व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ सही विधि और सही नियम के साथ करता है. आइए जानते हैं हनुमान चालीसा का पाठ कितनी बार और कैसे करना चाहिए.

कितनी बार करें हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान चालीसा का पाठ तभी शुभ फलदायी होता है, जब उसे सही विधि के साथ किया जाए. हनुमान चालीसा की एक पंक्ति में इस बात का जिक्र किया गया है कि 'जो शत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महा सुख होई'। इसका अर्थ है हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करने से व्यक्ति को हर बंधन से मुक्ति मिल जाती है. शास्त्रों के मुताबिक हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार करना चाहिए. अगर आप 100 बार करने में असमर्थ हैं, तो कम से कम 7, 11 या 21 बार अवश्य करें.

हनुमान चालीसा का पाठ करने की सही विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाछ करें. इसके लिए नित्यक्रिया करके स्नान आदि कर लें. स्वच्छता का खास ध्यान रखें. शास्त्रों के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ जमीन पर बैठकर आसन के ऊपर करना चाहिए. बिना आसन बिछाए पूजा करना अशुभ माना गया है. बता दें कि पाठ की शुरुआत करने से पहले गणेश जी की वंदना अवश्य कर लें और प्रभु श्री राम की आराधना करें. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें.

हनुमान चालीसा का पाठ का सही समय

अगर आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा पाना चाहते हैं, तो हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त करें. पाठ की शुरुआत करने से पहले स्नान अवश्य कर लें. वहीं, अगर आप शाम के समय पाठ कर रहे हैं, तो हाथ-पैरों को अच्छे से धोकर ही पाठ की शुरुआत करें.

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