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Govardhan Puja के दिन भगवान गिरिराज की कितनी बार परिक्रमा करनी चाहिए
Goverdhan Puja गोवर्धन पूजा : इस साल 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा है। इस शुभ दिन पर गोवर्धन पर्वत,गाय और प्रभु श्रीकृष्णजी की पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना भी बेहद शुभ माना जाता है। दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाया जाता है, लेकिन इस साल पंचांग में तिथियों के घटने और बढ़ने के कारण दो दिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को दिवाली मनाया जा रहा। वहीं, 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवावन कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा-अर्चना करना अच्छा माना जाता है। कृष्णजी की पूजा के साथ उन्हें 56 भोग लगाया जाता है और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी की जाती है। आइए जानते हैं गोवर्धन पर्वत के दिन गिरिराज कितनी परिक्रमा करनी चाहिए, महत्व और लाभ... गोवर्धन पूजा के गोबर से बने गिरिराज जी की या 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए। यह परिक्रमा पूरे परिवार के साथ लगाएं। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। गृह-क्लेश से मुक्ति मिलती है और जीवन सुखमय रहता है। गोवर्धन पूजा सुख-सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। गिरिराज पर्वत को भगवान कृष्ण का स्वरूप माना गया है। इस दिन गिरिराज जी की परिक्रमा लगाने से व्यक्ति को मनोवाछित फलों की प्राप्ति होती है।
उत्तर प्रदेश के वृंदावन से 22 किलोमीटर दूर गोवर्धन पर्वत स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गोवर्धन पर्वत को श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इसे गिरिराज भी कहा जाता है। मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से साधक के सभी दुख-कष्ट दूर होते हैं, लेकिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना बेहद मुश्किल है। परिक्रमा के दौरान 21 किलोमीटर तक नंगे पैर चलता होता है, जिसमें करी 10 से 12 घंटे लगते हैं।