धर्म-अध्यात्म

इस बार कितने दिन के हैं शारदीय नवरात्रि, जाने विशेष पूजा विधि

Subhi
13 Sep 2022 2:28 AM GMT
इस बार कितने दिन के हैं शारदीय नवरात्रि, जाने विशेष पूजा विधि
x
अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है. इन्हें शारदीय नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इन नवरात्रि का विशेष महत्व है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपो की पूजा की जाती है.

अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत होती है. इन्हें शारदीय नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इन नवरात्रि का विशेष महत्व है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपो की पूजा की जाती है. इस बार नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है और 5 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन दुर्गा विसर्जन पर नवरात्रि का समापन होता.

धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा भक्तों के बीच धरती पर आती हैं उन्हें मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद देती हैं. मां अम्बे की कृपा पाने के लिए इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की उपासना की जाती है. व्रत, पूजा-पाठ आदि किए जाते हैं, ताकि मां दुर्गा को प्रसन्न किया जा सके. नवरात्रि के 9 दिन अलग-अलग देवी की पूजा होती है. इसके बाद अष्टमी और नवमी तिथि पर कंजक करके व्रत पारण किया जाता है. आइए जानते हैं इस बार महाष्टमी और नवमी तिथि किस दिन है.

शारदीय नवरात्रि महाष्टमी 2022

हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिन तिथि के अनुसार मां दुर्गा की पूजा होता है. तिथि के घटने-बढ़ने से अष्टमी और नवमी तिथि आगे-पीछे हो जाती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि के तिथि का क्षय अशुभ माना जाता है. इस बार महाष्टमी व्रत 3 अक्टूबर के दिन रखा जाएगा. इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. वहीं, नवमी 4 अक्टूबर को की जाएगी. इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. नवरात्रि के 10वें दिन 5 अक्टूबर को मां दुर्गा का विसर्जन किया जाता है.

महानवमी का महत्व

धार्मिक कथाओं के अनुसार राक्षसों के राजा महिषासुर के खिलाफ मां दुर्गा ने 9 दिनों तक युद्ध किया था. इसलिए ये पर्व 9 दिनों तक मनाया जाता है. नवरात्रि के अंतिम दिन यानि नवमी को मां दुर्गा की बुराई पर जीत हासिल की थी. इसलिए इसे महानवमी के नाम से भी जाना जाता है.

शारदीय नवरात्रि 2022 तिथियां-

26 सितंबर (पहला दिन)- मां शैलपुत्री की पूजा

27 सितंबर (दूसरा दिन)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

28 सितंबर (तीसरा दिन)- मां चंद्रघंटा की पूजा

29 सितंबर (चौथा दिन)- मां कुष्मांडा की पूजा

30 सितंबर (पांचवां दिन)- मां स्कंदमाता की पूजा

1 अक्टूबर (छठवां दिन)- मां कात्यायनी की पूजा

2 अक्टूबर (सातवां दिन)- मां कालरात्रि की पूजा

3 अक्टूबर (आठवां दिन)- मां महागौरी की पूजा

4 अक्टूबर (नवमां दिन) - मां सिद्धिदात्री की पूजा

5 अक्टूबर (दसवां दिन)- विजयादशमी या दशहरा


Next Story